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आवेदन की प्रकिया शुरू होने के बाद इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए (NTA) जल्द ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-UG 2024) के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगी. UGC प्रमुख के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि कल शाम या परसों से CUET-UG रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी. एक बार आवेदन की प्रकिया शुरू होने के बाद इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे.
15 मई से 31 मई के बीच होगा एंट्रेंस एग्जाम
जेएनयू, बीएचयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे देश के ज्यादातर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के यूजी कोर्स में दाखिला पिछले कुछ सालों से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के स्कोर के आधार पर हो रहा है. NTA द्वारा इस साल CUET UG 2024 परीक्षा 15 मई से 31 मई, 2024 के बीच आयोजित की जानी है. उसके बाद तीन सप्ताह के भीतर यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के फाइनल स्कोर जारी किए जाने हैं. पिछले साल में CUET UG 2023 परीक्षा 21 मई और 23 जून के बीच कई चरणों में आयोजित किया गया था.
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12वीं की बोर्ड इस साल दे रहे बच्चे भी कर सकेंगे अप्लाई
इंटर, हायर सेकेंडरी या 12वीं की परीक्षा में इस साल शामिल हो रहे बच्चे भी CUET-UG 2024 परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, आपको कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के समर्थन में प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने होंगे, उस समय सीमा के भीतर जो विश्वविद्यालय के सूचना बुलेटिन में निर्दिष्ट किया जा सकता है जहां प्रवेश मांगा जाएगा. इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि आप वांछित यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाएं और प्रासंगिक तिथि की जांच करें और तदनुसार कार्य करें.
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इस बार हाइब्रिड मोड में होगा एंट्रेंस टेस्ट
इस साल ऑनलाइन और ऑफलाइन यानी हाइब्रिड मोड में एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने से छात्रों को लाभ हो सकता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को. यूजीसी प्रमुख एम जगदीश कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि CUET-UG एग्जाम को हाइब्रिड मोड में आयोजित करने के पीछे का विचार देश भर में अधिक परीक्षा केंद्र प्रदान करना है ताकि कम शहरीकृत क्षेत्रों के उम्मीदवार अपने घरों के करीब परीक्षा में भाग ले सकें. उन्होंने कहा कि यह समावेशिता सभी के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देती है, यह सुनिश्चित करती है कि भौगोलिक बाधाएं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं में बाधा न बनें. इसके अलावा हाइब्रिड मोड विविध परीक्षण वातावरणों के अनुकूल होने के महत्व को स्वीकार करता है.