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केंद्र सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक (NTA DG) सुबोध कुमार सिंह को हटाया. (IE/Representative photo/PTI)
NEET UG Exam Controversy: प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित गड़बड़ी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के महानिदेशक (NTA DG) सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया है. सरकार ने शनिवार को मेडिकल दाखिले की परीक्षा नीट-यूजी में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा है कि नीट-यूजी परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार या इसमें शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व चीफ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय कमेटी भी बनाई है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा रद्द कर दी.
नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक नयी याचिका भी दायर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराए जाने के साथ-साथ ईडी को भी निर्देश देने की मांग की है. परीक्षा देने वाले 10 छात्रों की याचिका में बिहार पुलिस को मामले की जांच में तेजी लाने और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने पहले कई याचिकाओं पर केंद्र, एनटीए और अन्य से जवाब मांगा था, जिनमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल थीं. शीर्ष अदालत ने विभिन्न हाइकोर्ट में लंबित इसी तरह की याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी.
परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए बनी कमेटी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम पारदर्शी, गड़बड़ी और त्रुटि रहित परीक्षाओं के पक्षधर हैं. परीक्षा प्रकिया में सुधार के लिए पूर्व इसरो चीफ की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है. अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. मेडिकल दाखिले की परीक्षा नीट यूजी इस साल 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें 23.33 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. परीक्षा परिणाम 14 जून को घोषित होने थे, लेकिन 4 जून को घोषित कर दिए गए थे.
कमेटी में ये हैं शामिल
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार लाने, सभी संभावित गड़बड़ियों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों के सिलसिले में पहला कदम है. इस समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बी जे राव और आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं. पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं.
प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह को पद से हटाया. अधिकारियों के मुताबिक सुबोध कुमार सिंह को अगले आदेश तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में "अनिवार्य प्रतीक्षा" में रखा गया है. भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक एनटीए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय अपने इस रुख पर कायम रह सकता है कि बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा को रद्द करने की जरूरत नहीं है. पुलिस का तर्क है कि जांच से पता चलता है कि पटना में कथित पेपर लीक एक "स्थानीय मामला" था. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस ने शुक्रवार रात झारखंड के देवघर जिले से छह और लोगों को हिरासत में लिया. पिछले महीने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने कथित पेपर लीक के सिलसिले में मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. ईओयू ने एनटीए से नीट-यूजी 2024 के संदर्भ प्रश्न पत्र प्राप्त किए हैं, जिनकी पिछले महीने पटना में तलाशी के दौरान एक फ्लैट से बरामद किए गए कागजातों से तुलना की जाएगी. पीटीआई भाषा के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में आरोपियों का ‘‘नार्को टेस्ट’’ और ‘‘ब्रेन मैपिंग’’ कराने की संभावना भी तलाश रही है. सूत्रों ने यह संकेत भी दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मई में एनटीए द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं के धनशोधन पहलू की जांच कर सकता है.
नीट-पीजी सहित ये परीक्षाएं रद्द
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर हाल ही में लगे आरोपों के मद्देनजर एहतियाती उपाय के तौर पर एक रात पहले नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की. यह कदम सीएसआईआर और यूजीसी नेट के जून सेशन की परीक्षा को रद्द किए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है. संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता निर्धारित करने और विज्ञान पाठ्यक्रमों में पीएचडी के लिए आयोजित की जाती है. हालांकि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएसआईआर-नेट पेपर लीक होने की बात से इनकार किया और कहा कि परीक्षा तार्किक कारणों से स्थगित की गई है.
एंटी पेपर लीक कानून देश में लागू
केंद्र सरकार ने एक कड़ा कानून भी लागू किया है जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार व अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है, जिसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात कानून को लागू करने के लिए नोटिफाई किया. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे "दिखावा" करार दिया और कहा कि भाजपा "भ्रष्टाचार व शिक्षा माफिया को बढ़ावा देने" के आरोप से पल्ला नहीं छुड़ा सकती. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और "उनके आसपास के लोगों" की "पूर्ण अक्षमता" के कारण हर दिन परीक्षाएं रद्द हो रही हैं.
गोधरा से सामने आए नीट पेपर लीक मामले में क्या है अपडेट
वहीं गुजरात के गोधरा में कथित अनियमितताओं पर मंत्री ने कहा कि गोधरा में मामला पेपर लीक का नहीं बल्कि संगठित धोखाधड़ी का था और 30 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि गुजरात का मामला लीक का नहीं है. पुलिस ने ऐहतियाती कार्रवाई की, कुछ टेलीफोन वार्तालापों का पता लगाया गया है. उन्होंने कहा कि नकल करने के प्रयास करते पाए गए 30 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया. इसके अलावा देश भर के 63 अन्य छात्रों को अनुचित साधनों का उपयोग करने के कारण परीक्षा से वंचित किया गया था. केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं नीट और नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है. परीक्षा की शुचिता से समझौता किए जाने की सूचना मिलने के बाद यूजीसी-नेट को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया था.
इससे पहले दिन में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि प्रतियोगी परीक्षाओं नीट और नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर राष्ट्रीय परीक्ष एजेंसी का "शीर्ष नेतृत्व" सवालों के घेरे में है. मंत्री ने कहा कि वह छात्रों के हितों के संरक्षक हैं और कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें इसे ध्यान में रखना होगा. प्रधान ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि वह उन लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है. एनटीए की भूमिका की किसी भी जांच के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि संस्थागत विफलता हुई है. मैंने जिम्मेदारी ली है. एनटीए का शीर्ष नेतृत्व कई तरह के सवालों के घेरे में है. लेकिन मुझे सबसे पहले छात्रों के हितों की रक्षा करनी है. मैं उनके हितों का संरक्षक हूं. इस हफ्ते की शुरुआत में मंत्रालय ने नीट पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन यह तय है कि किसी भी अनियमितता में शामिल या जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.