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AI अब सिर्फ तकनीक की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के नौकरी बाजार में एक बड़ा बदलाव ला रहा है. Photograph: (Image: FE File)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (Artificial Intelligence - AI) अब सिर्फ तकनीक की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के नौकरी बाजार (Job) में एक बड़ा बदलाव ला रहा है. 2025 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच देश की अधिकांश कंपनियां ऐसे फ्रेशर्स को नौकरी देने की योजना बना रही हैं, जिनके पास एआई और उससे जुड़े क्षेत्रों में काम करने की कुशलता है. यह जानकारी मंगलवार को जारी टीमलीज एडटेक की रिपोर्ट ‘करियर परिदृश्य रिपोर्ट-2025’ में सामने आई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 74% से ज्यादा एंप्लॉयर्स जनवरी-जून 2025 के बीच पहली बार नौकरी तलाशने वालों यानी फ्रेशर्स की नियुक्ति करने के इच्छुक हैं. इसमें सबसे ज्यादा मांग AI, डेटा प्रजेंटेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे सेक्टर्स में दिखाई दे रही है.
डिग्री नहीं, अब हुनर है असली ताकत
टीमलीज एडटेक के सीओओ जयदीप केवलरमानी ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “बदलते दौर में कंपनियां अब केवल डिग्री के आधार पर उम्मीदवार नहीं चुनतीं. वो ऐसे युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं, जिनमें व्यावहारिक तकनीकी कौशल हो. उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव फ्रेशर्स के लिए एक बेहद अहम मौका ह. उन्हें न सिर्फ करियर की मजबूत शुरुआत मिल रही है, बल्कि इनोवेशन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने का अवसर भी मिल रहा है.
कौन से सेक्टर हैं सबसे आगे?
AI के बाद सबसे अधिक मांग ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप सेक्टर में देखने को मिल रही है, जहां 70% कंपनियां फ्रेशर्स को नियुक्त करने की योजना बना रही हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह आंकड़ा 66% है, जबकि इंजीनियरिंग और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में यह 62% तक पहुंच गया है. इसका मतलब साफ है कि AI सिर्फ आईटी या डेटा साइंस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके प्रभाव मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे ट्रेडिनल सेक्ट्रस में भी गहराई से दिखाई दे रहे हैं.
कौन-कौन से शहर हैं हॉटस्पॉट?
रिपोर्ट में बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई को फ्रेशर्स के लिए प्रमुख रोजगार केंद्र बताया गया है, बेंगलुरु में 78% कंपनियां फ्रेशर्स को नियुक्त करने की तैयारी में हैं. मुंबई में यह आंकड़ा 65% और चेन्नई में 57% है. यह ट्रेंड बताता है कि भारत के टियर-1 शहर अब भी टेक आधारित प्रतिभा के लिए सबसे बड़े केंद्र बने हुए हैं.
कंपनियों को चाहिए कौन-से हुनर?
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां अब उन युवाओं की तलाश में हैं, जो नए जमाने की स्किल्स में पारंगत हों. इनमें रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA), परफॉर्मेंस मार्केटिंग, नेटवर्क सिक्योरिटी, फाइनेंशियल रिस्क एनालिसिस जैसे सेक्टर्स शामिल हैं. इन सेक्टर्स की जानकारी रखने वाले उम्मीदवारों को कंपनियां सीधे उच्च-प्रभाव वाली भूमिकाओं में जगह दे रही हैं, जिससे फ्रेशर्स को शुरुआती स्तर पर ही लीडरशिप पोजिशन तक पहुंचने का मौका मिल रहा है.