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Edible Oil Price : खाने का तेल होगा सस्ता, दो हफ्ते में 10% तक घट सकते हैं दाम, ये है बड़ी वजह

Edible Oil Prices Set To Reduce: खाने के तेल की कीमतों में अगले दो हफ्तों में 5 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

Edible Oil Prices Set To Reduce: खाने के तेल की कीमतों में अगले दो हफ्तों में 5 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

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FE Hindi Desk
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Edible Oil Price Drop Likely: खाने के तेल की कीमतों में अगले दो हफ्तों में 5 से 10% की गिरावट आ सकती है. (File Photo : Reuters)

Edible Oil Prices Set To Reduce: खाने के तेल की ऊंची कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है. केंद्र सरकार द्वारा रॉ एडिबल ऑयल यानी खाने के तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में 10 प्रतिशत की कटौती किए जाने के बाद अगले दो हफ्तों में तेल की कीमतों में 5 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. इस फैसले का असर किराना दुकानों और सुपरमार्केट में जल्द ही नजर आने की उम्मीद है.

सरकार के फैसले से खुदरा कीमतें घटने की उम्मीद

सरकार ने हाल ही में रॉ एडिबल ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 10 प्रतिशत घटाया है, जिससे तेल की कीमतों में आई हालिया तेजी पर अंकुश लगने की संभावना है. इमामी एग्रोटेक के डायरेक्टर और सीईओ सुधाकर राव देसाई ने बताया, "एडिबल ऑयल की कीमतें हाल के महीनों में लगभग 17 प्रतिशत बढ़ गई थीं. अब इनमें नरमी दिख रही है. हमें उम्मीद है कि ये बढ़त जल्द ही सिंगल डिजिट में आ जाएगी."

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उन्होंने कहा कि थोक बाजार में तो कीमतों में गिरावट का असर दिखने भी लगा है, और करीब दो हफ्तों के भीतर इसका असर खुदरा कीमतों पर भी देखने को मिलेगा. यानी आम आदमी को जल्द ही राहत मिलेगी.

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घरेलू तेल की कीमतों पर भी पड़ेगा असर

इस बार केवल विदेशों से इंपोर्ट किए जाने वाले तेलों जैसे सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल की कीमतें ही नहीं, बल्कि सरसों तेल जैसे घरेलू उत्पादन वाले तेलों के दाम में भी 3 से 4 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. देसाई ने बताया, "भले ही सरसों तेल आयात पर निर्भर नहीं है, लेकिन एडिबल ऑयल बाजार पर पड़ रहे दबाव की वजह से इसके दाम भी नीचे आ सकते हैं."

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रिफाइनिंग इंडस्ट्री को भी होगा फायदा

इंपोर्ट ड्यूटी में बदलाव से भारत की एडिबल ऑयल रिफाइनिंग इंडस्ट्री को भी फायदा होगा. कच्चे और रिफाइंड तेल के बीच ड्यूटी में अब 10 प्रतिशत का अंतर है, जिससे देश में ही कच्चे तेल को रिफाइन करना ज्यादा सस्ता और फायदेमंद हो गया है.

हालदर वेंचर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर केशव कुमार हालदर ने कहा, "यह 10 प्रतिशत की ड्यूटी कटौती गेम-चेंजर है. इससे न केवल कंज्यूमर्स को राहत मिलेगी, बल्कि उन भारतीय निर्माताओं को भी मजबूती मिलेगी, जिन्हें अब तक नेपाल जैसे देशों से ड्यूटी फ्री तेल के आयात की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा था."

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रिफाइनिंग सेक्टर के लिए क्षमता बढ़ाने का मौका

हालदर ने बताया कि इंपोर्ट ड्यूटी में बदलाव से रिफाइनिंग सेक्टर में क्षमता का इस्तेमाल 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है. इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, मुनाफा सुधरेगा और 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियानों को मजबूती मिलेगी. इस प्रकार, आने वाले हफ्तों में एडिबल ऑयल की कीमतों में राहत मिलने वाली है और इसका लाभ सीधा आम कंज्यूमर्स को मिलेगा, वहीं उद्योग के लिए यह सुधार और विस्तार का मौका साबित हो सकता है.

(इनपुट - पीटीआई)

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