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Gold: पिछले हफ्ते, सोने ने MCX पर एक बार फिर 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार किया और 956 रुपये की बढ़त के साथ 1,00,391 रुपये तक पहुंच गया. (Image: Reuters)
Gold Outlook: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में ब्याज दरें घटाने की उम्मीद के बीच सोने की कीमतें एक बार फिर से चमकने को तैयार हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए स्थिरता रह सकती है, लेकिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक की आगामी मौद्रिक नीति में ब्याज दर में कटौती की संभावना से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान बना रहेगा.
विश्लेषकों का कहना है कि व्यापारी अमेरिका के दूसरी तिमाही की जीडीपी, पीसीई महंगाई दर और फेडरल रिजर्व अधिकारियों के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे. इन आंकड़ों से उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि फेड की अगली नीति क्या होगी और सोने की बाजार में दिशा कैसी रहेगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, “सोने की कीमतें भले ही कुछ समय के लिए स्थिर रहें, लेकिन उनका रुझान सकारात्मक रहने की उम्मीद है.” उन्होंने बताया कि फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल की हालिया टिप्पणियों से निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि सितंबर में ब्याज दर में कटौती हो सकती है.
मेर ने यह भी कहा कि निवेशक भू-राजनीतिक घटनाओं और व्यापार नीतियों पर भी नजर बनाए रखेंगे. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “बाजार रूस-यूक्रेन शांति प्रक्रिया और भारत पर रूस से तेल आयात पर 27 अगस्त से लागू होने वाले अतिरिक्त शुल्क पर बारीकी से नजर रखेगा.”
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सोने की ताजा स्थिति
पिछले सप्ताह, सोने ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर एक बार फिर 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार किया और 956 रुपये (लगभग 1%) की बढ़त के साथ 1,00,391 रुपये तक पहुंच गया. यह बढ़त जेरोम पॉवेल द्वारा जैक्सन होल संगोष्ठी में मौद्रिक नीति में संभावित बदलाव के संकेत देने के बाद देखी गई.
फेड की आगामी एफओएमसी (Federal Open Market Committee) बैठक 16-17 सितंबर को होने वाली है. पॉवेल ने यह भी कहा कि यदि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्कों का असर घरेलू कीमतों पर बड़ा हुआ, तो ब्याज दर में कटौती को साल के अंत तक टाला भी जा सकता है.
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एंजेल वन के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट प्रथमेश मल्ल्या ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी कोई बड़ी वैश्विक खबर नहीं थी जो सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सके, इसलिए थोड़ी गिरावट देखने को मिली. लेकिन फेड अध्यक्ष के हालिया बयान ने निवेशकों में फिर से उम्मीद और बाजार में उत्साह पैदा कर दिया.” मल्ल्या ने यह भी कहा कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता अब भी बनी हुई है, विशेषकर रूस-यूक्रेन शांति वार्ता और व्यापार शुल्कों को लेकर.