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बैंक सिर्फ क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण किसी की लोन एप्लीकेशन को अस्वीकार नहीं कर सकते.
Bank Loans for First Time Borrowers Now Possible Without Minimum CIBIL Score: भारत में पहली बार लोन लेने वाले हर व्यक्ति के मन में एक ही सवाल होता है: क्या बिना क्रेडिट हिस्ट्री या सिबिल स्कोर के लोन मिल पाएगा? ज़्यादातर लोग इस डर से भी लोन के लिए आवेदन नहीं करते कि कहीं उनका आवेदन सिर्फ इस वजह से खारिज न हो जाए. लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने इस बारे में एक बड़ी और राहत भरी खबर दी है.
सिर्फ सिबिल स्कोर न होने पर लोन नहीं रुकेगा
वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बैंकों को नए कर्जदारों को सिर्फ इसलिए लोन देने से मना नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका कोई क्रेडिट हिस्ट्री या CIBIL स्कोर नहीं है. लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और क्रेडिट संस्थानों को इस बारे में सख्त निर्देश दिए हैं.
मंत्री ने कहा कि बैंक सिर्फ क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण किसी की लोन एप्लीकेशन को अस्वीकार नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि RBI ने लोन लेने वालों के लिए कोई न्यूनतम सिबिल स्कोर भी तय नहीं किया है. बैंक अपनी पॉलिसी के हिसाब से ही लोन देते हैं, और सिबिल स्कोर सिर्फ एक जानकारी है, पूरा आधार नहीं.
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कांग्रेस सांसद के सवाल के जवाब में सरकार ने दी ये जानकारी
तमिलनाडु की मयिलादुतुराई सीट से कांग्रेस सांसद सुधा आर ने संसद में CIBIL स्कोर को लेकर सरकार के 5 सवाल सवाल पूछे. लिखित जवाब में 18 अगस्त 2025 को वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा -
सवाल 1: CIBIL स्कोर की कानूनी स्थिति और मान्यता क्या है?
जवाब: TransUnion CIBIL Limited, जिसे पहले Credit Information Bureau (India) Limited कहा जाता था और जिसे आमतौर पर ‘CIBIL’ के नाम से जाना जाता है, एक क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी है. ये कंपनी Credit Information Companies (Regulation) Act, 2005 (CICRA) के नियमों के तहत काम करती हैं. इनका मुख्य काम क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करना है. उदाहरण के तौर पर, CIBIL स्कोर को TransUnion CIBIL Ltd तैयार करती है और यह रिपोर्ट बैंक और अन्य क्रेडिट संस्थाओं के लिए उपलब्ध होती है.”
सवाल 2 : क्या सरकार ने किसी संगठन को CIBIL तैयार करने की अनुमति दी है और इसके लिए कोई फीस दी है?
जवाब: हां, सरकार ने CIBIL तैयार करने के लिए 4 क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को भारत में काम करने की अनुमति दी है. ये कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रजिस्टर्ड हैं. जिनके नाम इस प्रकार हैं
- TransUnion CIBIL Ltd
- Equifax Credit Information Services Pvt Ltd
- Experian Credit Information Company of India Pvt Ltd
- CRIF High Mark Credit Information Services Pvt Ltd
RBI के नियमों के अनुसार, क्रेडिट स्कोर लेने की अधिकतम फीस 100 रुपये है. साथ ही, 1 सितंबर 2016 के सर्कुलर के अनुसार, हर CIC को हर व्यक्ति को साल में एक बार फ्री में पूरी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में उपलब्ध कराना अनिवार्य है.”
सवाल 3:क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक होम लोन, गोल्ड लोन और कृषि लोन देते समय CIBIL स्कोर को कोई खास महत्व देते हैं?
जवाब : पब्लिक सेक्टर के बैंक होम लोन, गोल्ड लोन और कृषि लोन देने से पहले CIBIL स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट (CIR) देख सकते हैं. यह जानकारी बैंक को यह समझने में मदद करती है कि कर्ज लेने वाले अपने लोन और अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों को समय पर चुका सकता है या नहीं.
हालांकि, RBI ने कोई मिनिमम क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता तय नहीं की है. बैंक और अन्य क्रेडिट संस्थाएं अपने बोर्ड द्वारा तय नीतियों के अनुसार ही निर्णय लेते हैं. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पहली बार लोन लेने वालों की एप्लीकेशन को सिर्फ इसलिए नकारा न जाए कि उनके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है.”
सवाल 4: क्या सरकार योजना बना रही है कि वह CIBIL की जगह अपनी खुद की एजेंसी बनाए?
सरकार ने यूनियन बजट 2023-24 में राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (NFIR) बनाने की घोषणा की है. यह एक केंद्रीय डेटाबेस होगा जिसमें क्रेडिट और अन्य वित्तीय जानकारी शामिल होगी, ताकि कर्जदारों की पूरी वित्तीय जानकारी देखकर लोन देने में मदद मिल सके. हालांकि, फिलहाल TransUnion CIBIL को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है.”
सवाल 5: क्या सरकार योजना बना रही है कि निजी और शेड्यूल्ड बैंकों में होम लोन और गोल्ड लोन के लिए CIBIL स्कोर अनिवार्य न रहे?
जवाब : RBI के मुताबिक बैंक लोन देने से पहले कई स्रोतों से जांच-पड़ताल करते हैं, जिसमें CIBIL या अन्य क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) की रिपोर्ट शामिल होती है. बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं अपने बोर्ड द्वारा मंजूर लोन नीतियों और कानून के तहत निर्णय लेते हैं. क्रेडिट रिपोर्ट में पिछली भुगतान आदतें, समय पर या लेट भुगतान, लोन सेटल, री-स्ट्रक्चर्ड या रिटेन-ऑफ लोन की जानकारी शामिल होती है. यह जानकारी बैंक को कर्जदार की योग्यता समझने और सही निर्णय लेने में मदद करती है.”
सावधानी है जरूरी, बैंकों को दिए गए सख्त निर्देश
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि लोन आसानी से मिल जाएगा. वित्त मंत्रालय ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि बिना सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को लोन देने से पहले वे पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें. इसमें ग्राहक की पिछली भुगतान आदतें, पुराने लोन और भुगतान में हुई चूक की पहचान शामिल है.
CIBIL स्कोर क्या है और आप अपनी रिपोर्ट कैसे पाएं?
CIBIL स्कोर एक 300 से 900 के बीच का नंबर होता है, जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को दिखाता है. यह पिछले लोन चुकाने का रिकॉर्ड और वित्तीय अनुशासन को बताता है. अगर आपका क्रेडिट हिस्ट्री है, तो आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट साल में एक बार बिल्कुल मुफ्त में ऑनलाइन पा सकते हैं. इसके अलावा, क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CICs) अपनी रिपोर्ट देने के लिए अधिकतम 100 रुपये ही चार्ज कर सकती हैं.