/financial-express-hindi/media/media_files/2025/06/07/IdGMHWOjGMxUub0K2OzA.jpg)
इस हफ्ते फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के विवरण जारी होने से सर्राफा बाजार की धारणा प्रभावित होने की संभावना है. (Image: Reuters)
Gold Trends for next Weeks: सोने के बाजार में अगले सप्ताह अस्थिरता की संभावना है, क्योंकि निवेशक अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण विधेयक, श्रम बाजार के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के बयानों पर नजर रखेंगे. विश्लेषकों के अनुसार, गुरूवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के विवरण आने से भी सर्राफा बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है.
जेपीएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने बताया, "आने वाला सप्ताह अपेक्षाकृत कम आंकड़ों वाला है, लेकिन अस्थिरता अधिक रहने की उम्मीद है. प्रॉफिटबुकिंग बढ़ सकती है, जिसके बाद नए सिरे से खरीदारी भी देखने को मिल सकती है." उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण विधेयक पर बाजार की नजर रहेगी, जबकि आंकड़ों के मोर्चे पर श्रम बाजार की स्थिति महत्वपूर्ण रहेगी.
मेर ने आगे बताया कि फेडरल रिजर्व की आधिकारिक टिप्पणी और फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल का भाषण बाजार के लिए निर्णायक हो सकता है. पिछले सप्ताह सोने की कीमतों (Gold Price) में 3.5 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कमजोर अमेरिकी डॉलर और आंशिक अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंताओं के कारण हुई.
सोने की कीमतें और बाजार की धारणा
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर दिसंबर में आपूर्ति वाले सोने के भाव (Gold Rate) 3,222 रुपये यानी 2.8 प्रतिशत बढ़कर 1,18,113 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए, जो इस सप्ताह पहले दर्ज किए गए अपने इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर 1,18,444 रुपये के करीब थे.
अल्फा मनी में इक्विटी और पीएमएस के प्रबंध साझेदार ज्योति प्रकाश ने कहा कि ईटीएफ में बढ़ती हिस्सेदारी, केंद्रीय बैंकों की संभावित नई मांग और सट्टेबाजी की मजबूत स्थिति सोने की कीमतों में उछाल को बढ़ावा दे रही है.
विश्लेषकों ने यह भी कहा कि भारत में त्योहारों और शादी के मौसम के कारण सितंबर में सोने और चांदी का आयात अगस्त की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है.