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CII Pre Budget Memorandum: उद्योग संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (CII) ने मंगलवार को अपना बजट पूर्व मेमोरेंडम, सरकार को सौंप दिया. (Photo : PTI)
CII Pre Budget Memorandum: Budget 2024: उद्योग संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (CII) ने मंगलवार को अपना बजट पूर्व मेमोरेंडम, सरकार को सौंप दिया. सीआईआई ने इस ज्ञापन में सरकार के सामने न सिर्फ उद्योग जगत की उम्मीदों से जुड़ी मांगें पेश की हैं, बल्कि जिसमें व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में कुछ राहत देने और मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने जैसी मांगें भी रखी हैं. सीआईआई ने आम लोगों को टैक्स में राहत देने और मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाने की वकालत कंज्यूमर डिमांड को बढ़ावा देने के लिए की है. सीआईआई ने कहा है कि 20 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं को कुछ न कुछ राहत जरूर दी जानी चाहिए. केंद्र सरकार इस साल का पूर्ण बजट (Upcoming Budget 2024) अगले महीने पेश करेगी. चुनावी साल होने की वजह से 1 फरवरी को अंतरिम बजट ही पेश किया गया था.
RBI से मिले डिविडेंड का एक हिस्सा Capex बढ़ाने पर खर्च हो : CII
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को दिए गए अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में, सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने, पूंजीगत लाभ करों को युक्तिसंगत बनाने और कॉर्पोरेट करों को मौजूदा स्तरों पर बनाए रखने का सुझाव दिया. सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार वित्त वर्ष 2025 में पूंजीगत व्यय (Capex) को 25 प्रतिशत बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) से मिले 2.11 लाख करोड़ रुपये के लाभांश का एक हिस्सा इस्तेमाल कर सकती है. इससे आर्थिक गतिविधियों को तेज करके करके डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी और पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडीचर के साथ ही साथ प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडीचर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. कंज्यूमर डिमांड को बढ़ावा देने के लिए सीआईआई ने अगले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले आगामी बजट में 20 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले टैक्स पेयर्स के लिए आयकर में कुछ न कुछ राहत देने का सुझाव भी दिया है.
पीएम किसान की रकम बढ़ाई जाए
टैक्सपेयर्स के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम देने और कंजंप्शन को बढ़ावा देने के लिए, CII ने यह भी सुझाव दिया कि वित्त वर्ष 24 में MNREGA मिनिमम वेज को 267 रुपये प्रति दिन से संशोधित कर 375 रुपये प्रति दिन किया जा सकता है, जैसा कि 'राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन निर्धारण पर विशेषज्ञ समिति' ने सुझाव दिया है. इसने पीएम किसान के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की रकम को 6,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति वर्ष करने का भी सुझाव दिया है.
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कैपिटल गेन्स टैक्स में संशोधन की मांग
CII ने कैपिटल गेन्स टैक्स में संशोधन की मांग भी की है. उद्योग संगठन का कहना है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स की दरों में बदलाव करके फाइनेंशियल एसेट्स पर 10 प्रतिशत और अन्य एसेट्स पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 प्रतिशत की दर से LTCG टैक्स लगाया जाना चाहिए. सीआईआई का कहना है कि इसके लिए लॉन्ग टर्म की परिभाषा फाइनेंशियल एसेट्स के लिए 12 महीने और गैर-वित्तीय एसेट्स के लिए 36 महीने होनी चाहिए. सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि फाइनेंशियल एसेट्स पर अल्पकालिक लाभ कर (Short Term Capital Gains Tax) की दर 15 प्रतिशत होनी चाहिए.