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CPI inflation: नवंबर में 5.55% हुई खुदरा महंगाई दर, 3 महीने का सबसे ऊंचा स्तर, अक्टूबर में 11.7% बढ़ा औद्योगिक उत्पादन

Latest CPI inflation, IIP Data: नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 3 महीने की ऊंचाई पर जा पहुंची, जबकि अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 16 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.

Latest CPI inflation, IIP Data: नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 3 महीने की ऊंचाई पर जा पहुंची, जबकि अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 16 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.

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Viplav Rahi
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Latest CPI inflation, IIP Data: नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 3 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंची. (File Photo : Indian Express)

Latest CPI inflation and IIP Data: देश के आर्थिक हालात के बारे में मिलीजुली खबर आ रही है. मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में खुदरा महंगाई दर (CPI-Inflation) 5.55 फीसदी की ऊंचाई पर जा पहुंची, जो तीन महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. इसके मुकाबले अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी थी. लेकिन औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर राहत देने वाली खबर भी इसके साथ ही आई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर के महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की वृद्धि दर (IIP-Growth rate) 11.7 फीसदी पर जा पहुंची, जो 16 महीने का सबसे बेहतर स्तर है. 

फूड इंफ्लेशन बढ़ने का असर 

महंगाई दर के मामले में ताजा आंकड़े रिजर्व बैंक द्वारा हाल में जाहिर किए गए अनुमानों के अनुरूप ही हैं. मॉनेटरी पॉलिसी की दो महीने में एक बार होने वाली समीक्षा के दौरान 8 दिसंबर को रिजर्व बैंक ने महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका जाहिर की थी. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के दौरान खुदरा महंगाई दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान भी जाहिर किया है. मंगलवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर में आई इस तेजी के लिए खाने-पीने की चीजों के दामों में आई तेजी जिम्मेदार है. नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) नवंबर के महीने में बढ़कर 8.7 फीसदी हो गई, जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 फीसदी थी. 

अगस्त के बाद से घट रहा था रिटेल इंफ्लेशन 

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एनएसओ के आंकड़े यह भी बताते हैं कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में अगस्त के बाद से गिरावट आ रही थी. अगस्त में यह दर 6.83 फीसदी थी, जो अक्टूबर तक 4.87 फीसदी पर आ गई थी. लेकिन नवंबर में यह बढ़कर 5.55 फीसदी हो गई. इसकी तुलना में पिछले साल नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.88 फीसदी थी. रिजर्व बैंक अपनी मॉनेटरी पॉलिसी से जुड़े फैसले करते समय मुख्य तौर पर खुदरा महंगाई दर यानी रिटेल इंफ्लेशन पर ही विचार करता है. सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को दोनों तरफ 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर बनाए रखने का लक्ष्य दिया है. इस हिसाब से खुदरा महंगाई दर कम से कम 2 फीसदी और ज्यादा से ज्यादा 6 फीसदी तक होनी चाहिए.

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औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े राहत देने वाले

महंगाई दर पर चिंता बढ़ाने वाले आंकड़ों के साथ ही मंगलवार को देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी आए हैं, जो राहत देने वाले हैं. देश में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) अक्टूबर में 11.7 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछले 16 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है. इसकी तुलना में एक साल पहले यानी अक्टूबर 2022 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 4.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. अक्टूबर 2023 के दौरान IIP में तेजी मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और बिजली उत्पादन के मामले में बेहतर प्रदर्शन की वजह से आई है. 

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इन सेक्टर्स ने किया बेहतर प्रदर्शन 

NSO के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर 2023 के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 6.9 फीसदी का उछाल देखने को मिला, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी था. अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 10.4 फीसदी बढ़ा, जबकि माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 13.1 फीसदी रही. इसी दौरान बिजली उत्पादन में 20.4 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला. अक्टूबर में कैपिटल गुड्स सेगमेंट की वृद्धि दर 22.6 फीसदी रही, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन 15.9 फीसदी बढ़ा. इसी दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स के प्रोडक्शन में 11.3 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. 

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