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Japan Economy News: आंकड़े दिखाते हैं कि कैसे जापानी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता खो रही है. (Reuters)
Recession Impact on Japan Economy: जापान की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है. देश की अर्थव्यवस्था अभी सुस्ती के दौर में है, जिसके चलते अब जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy of Japan) नहीं रह गया है. इस मामले में जर्मनी (Germany Economy) ने उसे पीछे कर दिया. जापान अब चौथे पोजिशन पर आ गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 में वह जर्मनी की अर्थव्यवस्था के आकार से पीछे रह गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आंकड़े इस बात को दिखाते हैं कि कैसे जापानी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता खो रही है.
भारत का जापान से आगे निकलना तय!
टोक्यो यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर तेत्सुजी ओकाजाकी का कहना है कि लेटेस्ट आंकड़े कमजोर होते जापान की वास्तविकताओं को दर्शाते हैं. इसके परिणामस्वरूप दुनिया में जापान की उपस्थिति कम होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मिसाल के तौर पर कई साल पहले जापान एक शक्तिशाली मोटर वाहन क्षेत्र होने का दावा करता था, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन के साथ वह बेनेफिट भी प्रभावित हुआ. ओकाजाकी ने कहा कि विकसित देशों और उभरते देशों के बीच अंतर कम हो रहा है. कुछ साल में भारत का वास्तविक जीडीपी में जापान से आगे निकलना तय है.
घट रही है युवा आबादी
जापान की उम्रदराज आबादी और बच्चों के कम जन्म के कारण जनसंख्या में युवा आबादी की संख्या कम हो गई है. चीन ने 2010 में जापान से अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा छीन लिया था. तब जापान फिसलकर तीसरे स्थान पर आ गया था. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी जापान के चौथे स्थान पर आने का अनुमान लगाया था. जापान की वास्तविक जीडीपी पिछले साल कुल 4500 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 591000 अरब येन थी. जर्मनी ने पिछले महीने जीडपी 4400 अरब अमेरिकी डॉलर या 45000 अरब अमेरिकी डॉलर होने की घोषणा की थी.
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जीडीपी में गिरावट
वास्तविक जीडीपी पर कैबिनेट कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जापानी अर्थव्यवस्था (GDP of Japan) 0.4 फीसदी की सालाना दर से सिकुड़ गई है, जो पिछली तिमाही से शून्य से 0.1 फीसदी कम है. 2023 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद पिछले साल की तुलना में 1.9 फीसदी बढ़ा. जापान और जर्मनी दोनों ने स्मॉल और मिड साइज के बिजनेस के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है. जापान के विपरीत जर्मनी ने मजबूत यूरो और महंगाई से निपटने के लिए ठोस आर्थिक कदम उठाए. कमजोर येन भी जापान के लिए नुकसान की वजह बना.
कोर इनफ्लेशन अभी भी हाई
जापान में महंगाई बीते कुछ दिनों में कम हुई है, लेकिन कोर इनफ्लेशन रेट (फूड और एनर्जी कीमतों को छोड़कर) केंद्रीय बैंक के 2 फीसदी लक्ष्य से 15वें महीने भी ऊपर रही है. ऐसे में अब जीडीपी के आंकड़े भी अनुमान से कमजोर रहे हैं. अब देखना होगा कि बैंक ऑफ जापान मंहगाई को काबू में रखते हुए घरेलू डिमांड में कैसे बढ़ोतरी करता है. फिलहाल तो इस केंद्रीय बैंक का मानना है कि सैलरी में बढ़ोतरी से कंज्यूमर खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी.
IMF अनुमान: 2028 तक कौन होगा बड़ी अर्थव्यवस्था
1. चीन
2. अमेरिका
3. भारत
4. जापान
5. जर्मनी
6. इंडोनेशिया
7. रूस
8. ब्राजील
9. तुर्की
10. ब्रिटेन