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RBI on Rate Hike: जीडीपी ग्रोथ उम्मीद से अधिक रहने और महंगाई में नरमी के चलते आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों को यथावथ रख सकता है. (file image)
RBI MPC on Interest Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की 3 दिन चलने वाली बैठक (Rbi Monetary Policy Review) जारी है. शुक्रवार यानी 8 दिसंबर 2023 को मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ब्याज दरों को लेकर अपनी फैसले का एलान करेगी. एमपीसी इस बार भी नीतिगत रेपो रेट को पॉज रख सकती है, यानी इसमें बदलाव होने की उम्मीद नहीं है. इसका प्रमुख कारण मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) ग्रोथ रेट का उम्मीद से अधिक होना और महंगाई में नरमी है. आरबीआई ने पिछली 4 मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था.
अंतिम बार फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया था, जिसके बाद यह 6.5 फीसदी हो गया. मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इसके साथ रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके कारण ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने से महंगाई बढ़ने के कारण मई, 2022 से शुरू हुआ नीतिगत दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला एक तरह से थम गया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास छह सदस्यीय एमपीसी के निर्णय की घोषणा 8 दिसंबर को करेंगे.
रेपो रेट पर पॉज, लेकिन रुख एग्रेसिव
आरबीआई पॉलिसी पर इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ा मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के पिछले अनुमान से अधिक रहा है. हालांकि, फूड इनफ्लेशन से संबद्ध विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंता बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इन सबको देखते हुए हमारा अनुमान है कि एमपीसी दिसंबर, 2023 की मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में नीतिगत दर को यथावत रख सकती है. हालांकि, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख आक्रामक हो सकता है.
जीडीपी अनुमान बढ़ा सकता है सेंट्रल बैंक
डॉयचे बैंक रिसर्च के अनुसार, आरबीआई 2023-24 के लिए ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट के पूर्वानुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर सकता है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के पूर्वानुमान को 5.4 फीसदी पर अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना है. डॉयचे बैंक रिसर्च ने कहा कि आरबीआई नकदी की स्थिति को सख्त बनाये रख सकता है. आरबीआई यह सुनिश्चित करेगा कि अल्पकालिक दर 6.85-6.90 फीसदी के आसपास बनी रहे. विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 फीसदी रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 फीसदी थी. इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ रेट हासिल करने वाला देश बना हुआ है.
रेट पॉज रहने से घर खरीदारों को फायदा
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि कुछ समय से आरबीआई लगातार नीतिगत दर को 6.5 फीसदी पर पॉज रखे हुए है. यह इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर आरबीआई के भरोसे को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि महंगाई में नरमी को देखते हुए इस बार भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर को स्थिर रखेगा, इससे संभावित घर खरीदारों को लाभ होगा. अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि अपनी पिछली घोषणाओं में आरबीआई ने रेपो दरों को यथावत रखा है, जो रियल एस्टेट कंपनियों और खरीदारों के लिए सकारात्मक रुख का संकेत देता है. हम इस बैठक के बाद भी केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं. स्थिर ब्याज दरें घर खरीदारों को रियल एस्टेट की ओर आकर्षित करेंगी.
रियल एस्टेट के लिहाज से अच्छा कदम
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, रियल एस्टेट सेक्टर रेपो दर में यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति रेपो दर को अपरिवर्तित रखेगी. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को अपनी मौजूदा गति बनाए रखने में मदद मिलेगी. निश्चित रूप से डेवलपर्स, घर खरीदने वालों और वित्तीय संस्थानों सहित सभी संबद्ध पक्षों को लाभ होगा.
मिगसन ग्रुप के निदेशक यश मिगलानी ने कहा, रियल एस्टेट के लिहाज से वास्तव में यह अच्छा कदम होगा क्योंकि पहले से ही कच्चे माल की कीमतों में तेजी बनी हुई है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगा. पिछले कुछ समय से स्थिर ब्याज दर की वजह से ही होम बॉयर्स रियल एस्टेट की ओर लगातार आकर्षित हो रहे हैं.
महंगाई दर घटकर 5 फीसदी से नीचे
बता दें कि मुख्य रूप से खाने पीने की चीजों के दाम कम होने से रिटेल महंगाई अक्टूबर में घटकर 4.87 फीसदी रही. एमपीसी ने अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रिटेल महंगाई 2023-24 में 5.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. सरकार ने आरबीआई को रिटेल महंगाई 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.