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Retail inflation latest data: देश में खुदरा महंगाई दर के ताजा आंकड़े जारी हो गए हैं. (File Photo : Indian Express)
Retail inflation latest data: देश में खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) के लेटेस्ट आंकड़े सोमवार को सामने आए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2024 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल इंफ्लेशन अप्रैल 2024 में 4.83 फीसदी रहा है. जबकि पिछले साल के इसी महीने यानी अप्रैल 2023 में यह 4.7 फीसदी रहा था. हालांकि पिछले महीने यानी मार्च 2024 की तुलना में खुदरा महंगाई दर में मामूली कमी आई है. इसकी तुलना में मार्च 2024 में खुदरा महंगाई दर 4.85 फीसदी रही थी. रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल 2024 में रिटेल इंफ्लेशन 4.80 फीसदी रहने की उम्मीद जाहिर की थी.
फूड इंफ्लेशन अप्रैल में 8.70% रहा
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लोगों के रसोई घर से जुड़ी कई चीजों की कीमतों में मार्च के मुकाबले अप्रैल में कुछ नरमी आई है. हालांकि फूड बास्केट इंफ्लेशन अप्रैल में 8.70 फीसदी रहा, जो मार्च में 8.52 फीसदी था. यानी नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक फूड आइटम्स की कीमतें मार्च के मुकाबले अप्रैल में बढ़ गई हैं. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के पूरे बास्केट में करीब आधी हिस्सेदारी अकेले फूड इंफ्लेशन की है.
महंगाई दर पर बना रहेगा फूड इंफ्लेशन का दबाव
आरबीआई का मानना है कि आने वाले दिनों में महंगाई दर के रुझान पर खाने-पीने की चीजों की कीमतों में अनिश्चितता का दबाव बना रहने वाला है. सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर 4 प्रतिशत पर बनी रहे. इसमें रिजर्व बैंक के पास ऊपर-नीचे दोनों तरफ 2 प्रतिशत का मार्जिन भी है. यानी महंगाई दर 2 फीसदी से 6 फीसदी की सीमा के भीतर ही रहनी चाहिए. रिजर्व बैंक हर दो महीने बाद मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा करता है और इस दौरान वो कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर पर ही गौर करता है.
क्या है एक्सपर्ट की राय
ICRA की चीफ इकनॉमिस्ट और रिसर्च प्रमुख अदिति नायर ने कहा है कि उन्हें मई 2024 में फूड एंड बेवरेज इंफ्लेशन यानी खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर के 8 फीसदी से ऊपर चले जाने की आशंका है. उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में पारा सामान्य से ऊपर रहने और हीटवेव की वजह से मई में खुदरा महंगाई दर 5.1-5.2 फीसदी की ऊंचाई पर जा सकती है, जो पिछले 5 महीने का सबसे ऊंचा स्तर हो सकता है. उनका यह भी कहना है कि फूड इंफ्लेशन के मामले में अनिश्चितता बने रहने की वजह से जून 2024 में आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों के मामले में अपना रुख बदले जाने की संभावना बेहद कम है.