/financial-express-hindi/media/media_files/2025/09/02/ganesh-visarjan-ie-file-2025-09-02-18-28-03.jpg)
अनंत चतुर्दशी, 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का यह अंतिम दिन विशेष भाव और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. (Image: IE File)
Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 पर पूरे भारत में श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया. लोग गंगा, नदियों, तालाब या घर पर ही मूर्तियों को विसर्जित करते हुए प्रार्थना, मिठाइयां और फूल चढ़ाते हैं. 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का यह अंतिम दिन विशेष भाव और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. पूरे देश में “गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष जल्दी आओ” की गूं
इस साल अनंत चतुर्दशी शनिवार, 6 सितंबर 2025 को है. द्रिक पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि सुबह 3:12 बजे शुरू होकर अगले दिन 1:41 बजे समाप्त होती है. यह दिन गणेश विसर्जन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए भी विशेष महत्व रखता है.
गणपति विसर्जन के दौरान श्रद्धालु मूर्ति को नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करते हैं. कुछ परिवार अपनी परंपराओं के अनुसार 3वें, 5वें या 7वें दिन विसर्जन करते हैं. छोटे उत्सव में मूर्ति को घर पर टब या बाल्टी में भी विसर्जित किया जा सकता है.
Anant Chaturdashi 2025: गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (शुभ): 07:36 – 09:10 बजे
दोपहर का मुहूर्त (चारा, लाभ, अमृत): 12:19 – 05:02 बजे
शाम का मुहूर्त (लाभ): 06:37 – 08:02 बजे
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चारा): 09:28 – 01:45 बजे (7 सितंबर)
अगले दिन सुबह का मुहूर्त (लाभ): 04:36 – 06:02 बजे (7 सितंबर)
Anant Chaturdashi 2025 : विसर्जन की परंपरा और उत्सव
अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश की मूर्ति को भव्य शोभायात्रा में सड़कों पर ले जाया जाता है, जहां श्रद्धालु “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे लगाते हैं. इस दौरान नारियल, फूल और मिठाइयां चढ़ाई जाती हैं. ढोल-ताशे की धुन पूरे माहौल को उत्सवपूर्ण बना देती है.
इस दिन का महत्व भगवान विष्णु के भक्तों के लिए भी है. कई लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं और पूजा के दौरान पवित्र धागा बांधते हैं, जिसे सभी संकटों से सुरक्षा देने वाला माना जाता है.
Anant Chaturdashi 2025 : भारतभर में गणपति विसर्जन
मुंबई अपने विशाल सड़कों पर होने वाली गणपति मंडलों की शोभायात्राओं के लिए मशहूर है, लेकिन देश के अन्य शहर और कस्बे भी अपनी अलग परंपरा और अंदाज में उत्सव मनाते हैं. तेलुगू भाषी क्षेत्रों में इसे विनायक निमज्जनम कहते हैं. कुछ परिवार 11वें दिन से पहले ही विसर्जन कर लेते हैं.
मूर्ति का विसर्जन भगवान गणेश को विदाई देने और अगले वर्ष उनके लौटने की उम्मीद का प्रतीक है, जो खुशहाली, समृद्धि और सौभाग्य लाते हैं. अनंत चतुर्दशी सिर्फ एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि दस दिन चले उत्सव का अविस्मरणीय समापन है, चाहे वह बड़े शहर की शोभायात्रा हो या घर पर परिवार के साथ मनाया गया उत्सव.