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CBI Raids : आरोप है कि इस धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. (File Photo : Reuters)
Bank Fraud case: कथित बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (CBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और कंपनी व उसके प्रमोटर-डायरेक्टर अनिल अंबानी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आरोप है कि इस धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई आरकॉम और उसके प्रवर्तक निदेशक अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों पर छापेमारी कर रही है.
सीबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और उसके प्रमोटर-डायरेक्टर अनिल अंबानी के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. अधिकारियों के मुताबिक इस धोखाधड़ी से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. इसी मामले में सीबीआई ने अनिल अंबानी के घर और आरकॉम से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है.
एसबीआई की शिकायत पर RCom के खिलाफ एक्शन में CBI
यह कार्रवाई एसबीआई की शिकायत पर की गई है. एसबीआई ने 13 जून को आरबीआई के "फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट" दिशा-निर्देशों और अपनी बोर्ड-अनुमोदित नीति के तहत इन खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया था. इसके बाद 24 जून 2025 को बैंक ने आरबीआई को इस धोखाधड़ी की सूचना दी और सीबीआई में भी शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की.
एसबीआई का आरकॉम पर करीब 2,227.64 करोड़ रुपये का बकाया (ब्याज और खर्च सहित) और 786.52 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी एक्सपोजर है. आरकॉम फिलहाल दिवालियापन प्रक्रिया (Insolvency Resolution) से गुजर रही है और इसकी योजना NCLT मुंबई के पास लंबित है. बैंक ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालियापन प्रक्रिया भी शुरू की है.
एसबीआई ने 10 नवंबर 2020 को खाते और अनिल अंबानी को "फ्रॉड" घोषित किया था और 5 जनवरी 2021 को सीबीआई में शिकायत भी दर्ज की थी. लेकिन 6 जनवरी 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट के "स्टेटस क्वो" आदेश के चलते शिकायत लौटा दी गई. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2023 के एक फैसले में कहा कि किसी खाते को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले उधारकर्ता को अपना पक्ष रखने का मौका देना ज़रूरी है. इसी आधार पर बैंक ने 2 सितंबर 2023 को फ्रॉड वर्गीकरण वापस ले लिया और जुलाई 2024 के नए आरबीआई नियमों के मुताबिक दोबारा प्रक्रिया पूरी कर खाते को "फ्रॉड" घोषित किया.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले महीने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया था कि RBI के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट संबंधी मास्टर डायरेक्शंस और बैंक की बोर्ड-अप्रूव्ड पॉलिसी के मुताबिक 13 जून को इन इकाइयों को “फ्रॉड” के रूप में वर्गीकृत किया गया. 24 जून 2025 को SBI ने यह वर्गीकरण RBI को रिपोर्ट किया और CBI में शिकायत दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी.
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