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Jeevika Didi : तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर बिहार की जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी देंगे. (AI Image)
Jeevika Didi Yojana, Bihar Election : आरजेडी सुप्रीमो तेजस्वी यादव ने बिहार में जीविका दीदियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनती है तो वे जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देंगे. साथ ही उनकी सैलरी हर महीने 30,000 रुपये फिक्स की जाएगी. तेजस्वी ने कहा कि महिलाओं को नीतीश सरकार ने 10 हजार रुपये दिए लेकिन वह उधार के तौर पर दिया. चुनाव के बाद वह वसूली करेंगे.
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ऐलान किया है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर बिहार की जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी देंगे. आरजेडी नेता ने यह बात फिर दोहराई कि जिन परिवारों में एक भी सरकारी नौकरी नहीं है, उन परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. हमलोगों सरकार बनने के 20 दिन के अंदर लागू करेंगे. तेजस्वी ने संविदा कर्मियों पर कहा कि बिहार में कार्यरत सभी संविदाकर्मियों को स्थायी किया जाएगा.
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जीविका दीदी : पूरा ब्याज माफ करेंगे
तेजस्वी यादव ने जीविका दीदियों के लिए कहा कि अब उनके साथ अन्याय नहीं होगा. हमारी सरकार (Bihar Election) बनते ही उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. उनका शुरुआती वेतन 30 हजार रुपये होगा. उन्हें 2,000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त कामों को लिए भत्ता दिया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने जो कर्ज लिए हैं, उसे भी ब्याज मुक्त कर दिया जाएगा. साथ ही उन्हें 2 साल के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें 5 लाख रुपये तक का बीमा करवाया जाएगा.
MAA योजना
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार बनते ही MAA योजना लाएंगे. यानी एम से महिला, ए से अन्न और ए से आवास लाएंगे. यानी मााताओं-बहनों के लिए अन्न और आवास देने का काम करेंगे.
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नीतीश सरकार का जीविका दी​दी पर क्या है रुख
इसके पहले मोदी सरकार ने सितंबर में बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड (Bihar Rajya Jeevika Nidhi Saakh Sahkari Sangh Limited) की शुरुआत की थी. इस मौके पर पीएम ने संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
जीविका निधि साख सहकारी संघ एक ऐसी पहल है, जिसके जरिए गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों यानी जीविका दीदीओं को आर्थिक सहायता और सपोर्ट दिया जाएगा. इससे वे जो काम करती हैं, जो व्यवसाय चलाती हैं, उसे और मजबूत कर सकेंगी. इसका पूरा सिस्टम डिजिटल है, जिससे किसी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सभी काम फोन के माध्यम से आसानी से हो जाएंगे.
जीविका निधि का मकसद - स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को कम ब्याज दर पर आसानी से लोन उपलब्ध कराना. अब तक ये महिलाएं छोटे-छोटे उद्यम खड़ा करने के लिए माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन्स (MFIs) से 18–24% तक ब्याज पर कर्ज लेने को मजबूर थीं. नई व्यवस्था उन्हें कम ब्याज और समय पर बड़े लोन उपलब्ध कराएगी.