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जिनके नाम 24 जून, 2025 तक की वोटर लिस्ट में थे लेकिन 1 अगस्त, 2025 की ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं. यह लिस्ट बिहार चुनाव आयोग की वेबसाइट ceoelection.bihar.gov.in पर उपलब्ध है. (Image: IE File)
Bihar Draft Voter list: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी बिहार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर हुए लोग अपने आधार कार्ड के जरिए दावा कर सकते हैं. बिहार के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर विनोद सिंह गुंजियाल ने एक नोटिफिकेशन के जरिए यह बात कही है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जिन वोटर्स के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं, वे अपने EPIC नंबर के जरिए अपनी लिस्ट में नाम और बाहर होने का कारण जान सकते हैं. 1 अगस्त 2025 को पब्लिश ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं होने वाले मतदाताओं की पूरी लिस्ट अब सभी ब्लॉक ऑफिस, पंचायत ऑफिस, नगर निकाय और मतदान केंद्रों पर लगाई गई है.
ड्राफ्ट लिस्ट में जिन मतदाताओं के नाम नहीं हैं, वे अपने EPIC नंबर से देख सकते हैं कि उनका नाम क्यों नहीं है. 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित लिस्ट सभी ब्लॉक कार्यालय, पंचायत कार्यालय, नगर निकाय कार्यालय और मतदान केंद्रों पर भी उपलब्ध है. यहां से मतदाता अपने नाम और कारण की जानकारी ले सकते हैं. जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई असंतुष्ट है, तो वह आधार कार्ड की कॉपी के साथ दावा दर्ज करवा सकता है. इसके मायने ये निकाला जा रहा है कि वोटर लिस्ट से हटाए गए ऐसे लोग फिर से अपना जुड़वाने के लिए आधार के साथ अप्लाई कर सकते हैं.
Important Information@ECISVEEPpic.twitter.com/z5VeF01OZD
— Chief Electoral Officer, Bihar (@CEOBihar) August 19, 2025
हालांकि यह साफ नहीं है कि फिर से नाम जुड़वाने के लिए वोटर्स को निर्वाचन आयोग द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों में से किसी एक की जरूरत पड़ेगी या नहीं.
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जिनके नाम 2025 तक यानी ड्राफ्ट लिस्ट आने से पहले तक बिहार वोटर लिस्ट में थे, लेकिन 1 अगस्त 2025 की ड्राफ्ट रोल में शामिल नहीं हैं. ऐसे मतदाताओं की लिस्ट जारी हर जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है. उदाहरण के लिए अगर कोई शख्स बिहार की राजधानी पटना का है और उसका 2024 के लोकसभा चुनाव या 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय इसी जिले का वोटर था लेकिन SIR प्रक्रिया के पहले फेज में एन्युमरेशन फार्म नहीं जमा करने पर अब पहली अगस्त को जारी ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नही है. ऐसे में वोटर लिस्ट से बाहर हुए ऐसे मतदाताओं की लिस्ट और कारण भी सप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई है.
पटना के ऐसे मतदाता अपनी लिस्ट जिले की आधिकारिक वेबसाइट patna.nic.in पर जाकर देख सकते हैं. होम पेज नीचे की ओर स्क्रॉल करने पर FIND Services सेक्शन नजर आएगा. इसमें पहला विकल्प List of Electors का है. इस पर क्लिक करें. अब EPIC नंबर यानी वोटर कार्ड नंबर द्वारा खोजें या विधानसभा और भाग संख्या के अनुसार लिस्ट डाउनलोड करके भी चेक कर सकते हैं. लगभग इसी तरह की प्रक्रिया बिहार के बाकी जिलों के लोगों को भी अपनाने होंगे.
पीआईबी बिहार की ओर से एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा गया है कि बीएलओ ने राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए बूथ लेवल एजेंट्स, अन्य ग्राम स्तरीय जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों की सहायता से उन वोटर्स की लिस्ट तैयार की है जिनके एन्युमरेशन फार्म प्राप्त नहीं हुए हैं. यानी SIR प्रक्रिया के पहले फेज में 24 जून से 25 जुलाई 2025 के बीच एन्युमरेशन फार्म जिन लोगों ने नहीं जमा किए उन वोटर्स की लिस्ट बीएलओ ने राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए बूथ लेवल एजेंट्स, अन्य ग्राम स्तरीय जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों की सहायता से तैयार की है. जो लोग इस लिस्ट से असंतुष्ट नहीं हैं वे अपने आधार कार्ड की एक कॉपी के साथ अपना दावा पेश कर सकते हैं.
📢 आवश्यक सूचना #BiharSIR2025
— PIB in Bihar (@PIB_Patna) August 17, 2025
✅ वैसे मतदाता जिनका नाम 24.06.2025 तक की मतदाता सूची में था, लेकिन 01.08.2025 की प्रारूप सूची में शामिल नहीं है —
📋 उनकी सूची कारण सहित प्रकाशित कर दी गई है।
🔗 @CEOBihar की वेबसाइट पर सूची देखें: https://t.co/SuWdr5EiGW#VoterListpic.twitter.com/ubZ8hYGt0i
कहां मिलेगी वोटर लिस्ट से हटे हुए नामों की लिस्ट?
बिहार चुनाव आयोग ने उन मतदाताओं की पूरी सूची और उनके नाम हटाए जाने का कारण जारी कर दिया है, जिनके नाम 24 जून, 2025 तक की वोटर लिस्ट में थे लेकिन 1 अगस्त, 2025 की ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं. यह सूची बिहार चुनाव आयोग की वेबसाइट ceoelection.bihar.gov.in पर उपलब्ध है.
इसी रविवार को, बिहार CEO ने पहले फेज के तहत वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) में ड्राफ्ट रोल से हटाए गए 65 लाख नामों की जानकारी पब्लिश की थी. सुप्रीम कोर्ट ने SIR के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि ड्राफ्ट लिस्ट से हटाए गए नामों और हटाने के कारणों की जानकारी सार्वजनिक की जाए. इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है कि कई लोगों के नाम गलत तरीके से हटा दिए गए हैं. उनका कहना है कि कई लोगों को मृत घोषित कर सूची से हटाया गया, जबकि वे वास्तव में जीवित हैं. बिहार के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से, पहले ड्राफ्ट में 7.24 करोड़ नाम शामिल थे. 65 लाख हटाए गए नामों में से, 36 लाख लोग किसी और जगह स्थायी रूप से चले गए थे और 22 लाख को मृत बताया गया.