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बिहार की वोटर लिस्ट में पात्र मतदाता अभी भी अपना नाम जुड़वा सकते हैं, यहां पूरा प्रासेस जानें. (Image: YT/ECI)
Bihar Voter List 2025; How to Add Your Name: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है. राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे. फाइनल वोटर लिस्ट से राज्य में विधानसभा चुनाव होगा. हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदान और वोटर लिस्ट को लेकर अहम जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में नॉमिनेशन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद फाइनल वोटर लिस्ट आएगा. इसी लिस्ट से राज्य में वोटिंग होगी
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिहार की नई वोटर लिस्ट में, जो इसी 1 अक्टूबर को जारी हुई है, अगर किसी मतदाता का नाम छूट गया है या किसी अयोग्य व्यक्ति का नाम शामिल है, तो नॉमिनेशन खत्म होने की तारीख से 10 दिन पहले तक नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 या हटाने के लिए फॉर्म 7 भरकर संबंधित ईआरओ के पास जमा कर सकते हैं. बिहार के हर एक विधानसभा में वोटर लिस्ट तैयार करने का जिम्मेदारी ईआरओ को दी गई है, जो आमतौर पर एसडीएम लेवल का आधिकारी होता है.
बिहार की वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण के लिए चुनाव आयोग ने इस साल स्पेशल इंटेंसिव रिविजन की. राज्य में यह प्रक्रिया तीन फेज में 24 जून से 30 सितंबर के बीच हुई. पहला फेज इन्युमरेशन पीरियड का रहा. जिसमें 24 जून से 25 जुलाई के बीच बिहार में लोगों से जरूरी दस्तावेजों के साथ फार्म इन्युमरेशन कलेक्ट किया गया. 1 अगस्त को आयोग ने बिहार की पहली ड्राफ्ट लिस्ट जारी की. एसआईआर के पहले फेज में आयोग ने कुल 65,64,075 मतदाताओं को ड्राफ्ट लिस्ट बाहर किए थे. इसके बाद एसआईआर के अगले फेज यानी क्लेम एंड ऑब्जेक्श पीरियड के रहा. जिसमें लोगों, राजनीतिक दलों और उनके बीएलए और बीएलओ की मदद से बड़ी संख्या में क्लेम और ऑब्जेक्शन फार्म आए. इसके बाद तीसरा फेज वेरीफिकेश पीरियड का रहा और यह 30 सितंबर 2025 को खत्म हुआ. एसआईआर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1 अक्टूबर को आयोग ने बिहार की नई वोटर लिस्ट जारी की.
चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एसआईआर के बाद अगस्त में पहली ड्राफ्ट लिस्ट आई. उस समय से लेकर अब तक 21.53 लाख नए योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट में जुड़े. इस दौरान ड्राफ्ट लिस्ट से 3.66 लाख ऐसे मतदाताओं को हटाया गया है जो अयोग्य पाए गए थे. इससे पहले आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट से करीब 65 लाख वोटर्स हटाए थे. 1 अगस्त 2025 को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कुल 7.24 करोड़ मतदाता थे. अब 30 सितंबर 2025 को जारी अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या बढ़कर लगभग 7.42 करोड़ हो गई है.
चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद बिहार चुनाव हो रहे हैं. इसके तहत मतदाता सूची को पूरी तरह से नए सिरे से तैयार किया गया. इस प्रक्रिया में 68.5 लाख मतदाता हटाए गए और 21.53 लाख नए जोड़े गए, जिससे कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या लगभग 7.42 करोड़ हो गई.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार और सोमवार, दोनों दिन हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जोर देते हुए कहा कि बिहार की वोटर लिस्ट में सुधार की अभी भी पूरी गुंजाइश मौजूद है. जिन लोगों के नाम छूट गए हैं या नई वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, वे राज्य में जारी चुनावी प्रक्रिया के दौरान नॉमिनेशन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक फार्म 6 या 7 संबंधित ईआरओ जमा कर सकते हैं.
जुड़वाने के लिए इस तारीख तक कर सकते हैं अप्लाई
बिहार विधानसभा के लिए पहले फेज में 121 सीटों के लिए की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है. इसके लिए नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर 2025 को आएगा और इसी दिन से उम्मीदवार अपना नॉमिनेशन फार्म भर सकते हैं. नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है. यानी इससे 10 दिन पहले तक मतदाता ईआरओ के पास फार्म 6 या 7 भरकर जमा कर सकते हैं.
राज्य में दूसरे फेज में की वोटिंग 11 नवंबर को होनी है. इसमें 122 सीटों के लिए नोटिफिकेशन 13 अक्टूबर को आएगा और इसी दिन उम्मीदवार नॉमिनेशन फार्म भर सकेंगे. दूसरे फेज में नॉमिनेशन की अंंतिम तारीख 20 अक्टूबर तय है. चुनाव आयोग के मुताबिक नॉमिनेशन की लास्ट डेट से 10 दिन पहले मतदाता वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने या किसी का नाम हटाने के लिए क्लेम और ऑब्जेक्शन फार्म संबंधित ईआरओ को दे सकते हैं.
चुनाव आयोग ने कहा - किसी भी योग्य मतदाता के छूट जाने या किसी अयोग्य मतदाता के शामिल होने पर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है. यह प्रक्रिया ईआरओ (एलेक्टोरल रिटर्निंग ऑफिसर) स्तर पर निस्तारित की जाएगी. नॉमिनेशन प्रक्रिया पूरी होने और चुनाव समाप्त होने के बाद ही मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी. इससे पहले, हर मतदाता और राजनीतिक दल सुनिश्चित कर सकते हैं कि सूची पूरी तरह सही और पारदर्शी हो. मतदाता सूची में सुधार का यह मौका मतदाताओं और राजनीतिक दलों के लिए अंतिम मौका है. फॉर्म 6 और 7 के जरिए समय रहते दावे और आपत्तियां दर्ज कराना जरूरी है, ताकि कोई योग्य मतदाता मतदान से वंचित न रहे और चुनाव प्रक्रिया पूर्णत: निष्पक्ष और पारदर्शी बने.