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BJP on SC order: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की लाई चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है. (File Photo : Reuters)
BJP claims Electoral bonds brought for transparency in poll funding: चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक और गैर-पारदर्शी बताने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद बीजेपी दावा कर रही है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का मकसद चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था. हालांकि इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का सम्मान करते हैं. बीजेपी ने विपक्ष पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण का आरोप भी लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि विपक्ष ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और उनकी सरकार के अच्छे कामों से मुकाबला करने का कोई विकल्प नहीं है. बीजेपी की ये प्रतिक्रिया चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एतिहासिक आदेश के बाद सामने आई है.
अदालतों में मामले रोज जीते और हारे जाते हैं : बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील नलिन कोहली ने कहा, ‘‘हम अदालतों में वकालत करते हैं और रोजाना मामले जीते और हारे जाते हैं.’’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश या फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘जो राजनीतिक दल इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मोदीजी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है.’’
काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए लाई गई थी स्कीम : बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी दल जिस गठबंधन को बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह अपने पैरों पर खड़ा होने से पहले ही खत्म हो रहा है. इसीलिए विपक्ष चुनावी बॉन्ड के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है. कोहली ने दावा किया कि मोदी सरकार चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना लाई थी. कोहली ने कहा कि कई दशकों से इस बात पर चिंता जाहिर की जाती रही है कि काले धन को चुनावी प्रक्रिया में आने से कैसे रोका जाए. इसी मकसद के लिए एक चुनावी बॉन्ड योजना लाई गई थी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह योजना मौजूदा स्वरूप में ठीक नहीं है, इसलिए उसने कुछ निर्देश पारित किए हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने मुख्य तौर पर ये कहा है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी बाहर आनी चाहिए और उसके किसी भी आदेश या फैसले को स्वीकार करना होगा.
फैसले का गहराई से अध्ययन करना होगा : रविशंकर प्रसाद
बीजेपी नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का उनकी पार्टी सम्मान करती है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अदालत का आदेश सैकड़ों पन्नों का है और इस बारे में बीजेपी की तरफ से विस्तृत जवाब देने से पहले उसका गहराई से अध्ययन करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की चुनावी बॉन्ड स्कीम
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एतिहासिक फैसले में मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के साथ ही साथ सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन होता है. अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को यह आदेश भी दिया है कि वह इस योजना के तहत चुनावी फंडिंग करने वालों का पूरा ब्योरा चुनाव आयोग को सौंंपे, जो इसे सार्वजनिक करेगा. विपक्षी दल इस फैसले का स्वागत करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड को मोदी सरकार की ‘काला धन सफेद करने की’ योजना बता रहे हैं.