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अदालत ने कहा कि क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है? इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
Chandigarh Mayoral Polls: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर रिटर्निंग ऑफिसर को फटकार लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी ने कहा कि स्पष्ट रूप से बैलट पेपर के साथ छेडछाड़ (डिफेस-defaced) की गई है. सुप्रीम कोर्ट नेकथित तौर पर मतपत्रों को विकृत करने का वीडियो देखा, कहा कि वह चुनाव अधिकारी के व्यवहार से हैरान हैं. और कहा कि क्या इस तरह से चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर के रवैये को देखकर कहा कि इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
Chandigarh mayoral polls | Supreme Court orders preservation of entire record of the election process including ballot papers, videography and other material through Registrar General of Punjab and Haryana High Court.
— ANI (@ANI) February 5, 2024
Supreme Court directs that the ensuing meeting of the…
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र की हत्या नहीं करेंगे बर्दाश्त
अदालत ने चंडीगढ़ के अधिकारियों को नोटिस जारी किया, मतपत्रों और कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. रिटर्निंग ऑफिसर के चुनाव कराने के तरीके पर प्रतिक्रिया देते हुए अदालत ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है. हत्या है. जो कुछ हुआ भी हैरान कर देने वाला है. कोर्ट ने कहा कि हम लोकतंत्र की इस तरह हत्या बर्दाश्त नहीं करेंगे. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को ये तल्ख टिप्पणी की.
चीफ जस्टिस ने निर्देश दिया कि हाल ही में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा रिकॉर्ड पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में जब्त किया जाए. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ने यह भी निर्देश दिया कि चंडीगढ़ नगर निगम की निर्धारित 7 फरवरी की बैठक अगले आदेश तक स्थगित कर दी जाए.
Chandigarh mayoral polls | Supreme Court orders preservation of entire record of the election process including ballot papers, videography and other material through Registrar General of Punjab and Haryana High Court.
— ANI (@ANI) February 5, 2024
Supreme Court directs that the ensuing meeting of the…
पिछले हफ्ते 30 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए कांटे की टक्कर वाला चुनाव तब अराजकता में बदल गया जब आप-कांग्रेस गठबंधन ने उस तरीके पर सवाल उठाया जिसमें उसके आठ वोटों को पीठासीन अधिकारी द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया. जिससे पलड़ा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में झुक गया और उम्मीदवार मनोज सोनकर को विजेता घोषित कर दिया गया.
AAP ने बैलट पेपर से छेड़छाड़ करने के लगाए थे आरोप
नाराज AAP-कांग्रेस गठबंधन ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया और शेष पदों के लिए चुनावी प्रक्रिया का बहिष्कार किया. जिसके बाद भाजपा ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की सीटें भी जीत लीं. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षद अनिल मसीह ने बैलट पेपर को अवैध घोषित करने की कोशिश के तहत खुद ही मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की, हालांकि पदाधिकारियों ने आप के आरोप सिरे से खारिज कर दिया.