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Congress demands action against PM Modi: चुनाव आयोग से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सिंह सप्पल (Photo : ANI)
Congress urged Election Commission to take action against PM Modi: कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के हाल ही में राजस्थान में दिए उस बयान पर एतराज जाहिर किया है, जिसमें मोदी ने न सिर्फ यह दावा किया कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करके उसे बांटने की बात कही गई है, बल्कि ये भी आरोप लगाया कि इस बंटवारे में पहला अधिकार मुसलमानों का होगा. कांग्रेस के मुताबिक उसने चुनाव आयोग (ECI) से शिकायत की है कि पीएम मोदी का बयान उन नियम-कायदों के खिलाफ है, जिनमें चुनाव के दौरान धार्मिक आधार पर आरोप लगाने और बयानबाजी करने पर पाबंदी लगाई गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सिंह सप्पल ने चुनाव आयोग जाकर पार्टी की तरफ से इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है.
मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे आयोग : कांग्रेस
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे, क्योंकि उन्होंने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान दिए अपने भाषण में ‘लोगों को धर्म के आधार पर बांटने, वैमनस्य फैलाने वाले दुर्भावनापूर्ण’ बयान देकर चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन किया है. सोमवार को सिंघवी की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला और मोदी की टिप्पणी समेत कई मसलों पर अपनी शिकायत दर्ज कराई. आयोग से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने कुल 17 शिकायतें की हैं. ये सभी शिकायतें गंभीर हैं और देश के संविधान के मूल सिद्धांतों पर आघात करने वाली हैं. हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द ठोस और स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे.’’
LIVE: Press briefing by Congress Party delegation after meeting with the Election Commission of India at Nirvachan Sadan. https://t.co/Mx3bLlBghC
— Congress (@INCIndia) April 22, 2024
देश के प्रधानमंत्री को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए : कांग्रेस
सिंघवी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने जैसे बयान दिए, वो उन्हें नहीं देने चाहिए थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि खुद पीएम मोदी के सोशल मीडिया हैंडल पर भी उनके भाषण के वो हिस्से शेयर किए गए हैं. सिंघवी ने कहा, “वे इस देश के प्रधानमंत्री हैं. मैं उनका आदर करता हूं... मैं उन्हें हाथ जोड़कर कहूंगा कि उन्हें इस प्रकार का वक्तव्य नहीं देना चाहिए और चुनाव आयोग को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए. ये वक्तव्य आप सभी जानते हैं. ये उनके आधिकारिक हैंडल पर प्रकाशित है. ये कैंपेन के दौरान राजस्थान में कहा गया.. मैं इसको भद्दा मानता हूं. दोहराऊंगा नहीं. लेकिन इसके चार-पांच तत्व याद दिलाऊंगा, जिसको हमने चुनाव आयोग के सामने रखा है. इसमें एक समुदाय,एक धर्म का, स्पष्ट, नाम के साथ विवरण है…ये बड़े स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वो समुदाय इस देश के संसाधनों को हड़प सकता है, हड़प लेगा. कहा गया कि कांग्रेस इस प्रकार के संसाधन उस समुदाय, उस धर्म के लोगों को दे देगी….उस समुदाय और उस धर्म को घुसपैठियों के साथ जोड़ा गया है. यह बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा गया, जो सबके सामने हैं.” सिंघवी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत में हिंदू धर्म के कई स्थापित प्रतीकों का जिक्र भी किया, जिसका एक उदाहरण मंगलसूत्र भी है और यह भी कहा कि उस पर आघात हो सकता है.”
पीएम मोदी का भाषण संविधान की अस्मिता पर आघात : कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का सीधा उल्लंघन किया है, जो चुनाव के वक्त धर्म के आधार पर किसी भी वक्तव्य की इजाजत नहीं देती है. सिंघवी ने कहा कि पीएम का बयान चुनाव आयोग द्वारा बार-बार जारी उन तमाम सर्कुलर का भी उल्लंघन है, जिनमें धर्म के आधार पर आरोप लगाने की साफ-साफ मनाही है. सिंघवी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का चुनावी भाषण भारतीय संविधान की अस्मिता पर आघात है. उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान बोम्मई केस के पहले से कहता है कि धर्मनिरपेक्षता, पंथनिरपेक्षता हमारे संविधान के मूल ढांचे का अभिन्न अंग है. इसका मतलब ये है कि संविधान संशोधन द्वारा भी आपको इसको नहीं बदल सकते हैं. आप इस प्रकार के आपसी वैमनस्य बढ़ाने वाले वक्तव्यों के द्वारा लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इसका इलाज सिर्फ चुनाव आयोग के पास है..इसलिए.. ये भारत की विश्वसनीयता का सवाल है, हमारे संविधान की विश्वसनीयता का सवाल है. हमारे प्रधानमंत्री के पद की विश्वसनीयता का सवाल है. हमारे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता का सवाल है.” कांग्रेस ने कहा कि इस तरह के मामले में आयोग आम लोगों के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई करता है, वैसी ही कार्रवाई, वही प्रतिबंध इस मामले में भी लगाने चाहिए, फिर चाहे कोई कितना ही बड़ा क्यों न हो. सिंघवी ने कहा कि ये देश की संवैधानिक अस्मिता पर प्रश्नचिह्न है. यह चुनाव आयोग का इम्तिहान है.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए धुआंधार प्रचार में जुटे पीएम मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा की चुनावी जनसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, “इस बार का कांग्रेस का मेनिफेस्टो देख लीजिए. कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा है वो चिंताजनक है, गंभीर है. और ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की उनकी कोशिश है. उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा. हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी, उसका हिसाब लगाया जाएगा. हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है. सिल्वर कितना है, उसका हिसाब लगाया जाएगा. सरकारी मुलाजिमों के पास कितनी जगह है, क्या है, पैसे कहां हैं, नौकरी कहां है, उसकी जांच की जाएगी...इतना ही नहीं, आगे क्या कहा है....ये जो गोल्ड है बहनों का...और जो संपत्ति है, ये सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी...क्या ये आपको ये मंजूर है क्या...आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या....क्या आपकी संपत्ति को, आपकी मेहनत करके कमाई हुई संपत्ति को, सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या....मेरी माताओं और बहनों की जिंदगी में सोना सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है, उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है...उसका मंगलसूत्र एक सोने का, कीमत का मुद्दा नहीं है...उसके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है...तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में...गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे...और पहले जब उनकी सरकार है, उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है...इसका मतलब, ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे...घुसपैठियों को बांटेंगे...क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा, घुसपैठियों को दिया जाएगा....क्या आपको मंजूर है ये...ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो माताओं-बहनों का सोने का हिसाब करेंगे...उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे...और उनको बांटेंगे, जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. ये अर्बन नक्सल की सोच है, मेरी माताओं-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे.”