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Constitution Day: देश में हर साल 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस मनाया जाता है. (Image: X/@YASMinistry)
Constitution Day 2024, Samvidhan Divas: संविधान दिवस मनाने के लिए देशभर में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है. कल यानी 26 नवंबर के दिन देश के लोग 10वां संविधान दिवस मनाएंगे. इससे ठीक एक दिन पहले यानी आज 25 नवंबर की सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक पदयात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में युवा शामिल हुए. पैदल यात्रा में युवाओं का उत्साहवर्धन करने मनसुख मांडविया, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, किरेन रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, रक्षा खडसे, निमूबेन बांभनिया समेत कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और खेल जगत के सितारे पहुंचे.
भारत के संविधान स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर पर संविधान दिवस से ठीक एक दिन पहले दिल्ली में निकाली गई हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान पदयात्रा में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हमारे युवाओं का यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय है. संविधान भारत की आत्मा और सर्वोच्च विधान है. इसका अक्षरशः पालन करना हम सभी का कर्तव्य है.
भारत के संविधान स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर MY Bharat के युवा साथियों के साथ ‘मेरा संविधान, मेरा स्वाभिमान' पदयात्रा में सम्मिलित होकर युवा शक्ति का हौसला बढ़ाया।
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 25, 2024
लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हमारे… pic.twitter.com/puEIVuj4Yp
10वां संविधान दिवस मनाने से पहले आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में
संविधान दिवस का इतिहास और महत्व
साल 1949 में कल के दिन देश में भारत का संविधान अपनाया गया था. हर साल 26 नवम्बर को भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस मनाया जाता है. नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवम्बर 2015 को घोषणा की थी कि भारत सरकार हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाएगी. इसका पालन राष्ट्र का मार्गदर्शन करने वाले लोकतांत्रिक सिद्धांतों की याद दिलाता है. इस दिन को संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ भीम राव अंबेडकर (Dr Bhim Rao Ambedkar) की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में घोषित किया गया था. इससे पहले इस दिन को विधि दिवस (Law Day) के रूप में मनाया जाता था.
इस 26 नवंबर को देश मनाएगा 10वां संविधान दिवस
इस 26 नवंबर को संविधान को अंगीकार करने के 75 साल पूरे हो रहे हैं तो देश 10वां संविधान दिवस भी मना रहा है. संविधान भारत के लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समतावादी ढांचे को परिभाषित करने वाला आधारभूत दस्तावेज है. पिछले सात दशकों में, इसने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों के माध्यम से राष्ट्र का मार्गदर्शन किया है, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित किया है - जो भारत के शासन के मूल सिद्धांत हैं. इन मूल्यों को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत के स्वतंत्र देश बनने के बाद संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने का काम डॉ बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंपा. संविधान सभा की स्थापना 1946 में हुई थी और इसके अध्यक्ष भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे. स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने के महत्वपूर्ण और सबसे ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को लगभग तीन साल लगे. भारतीय संविधान 1,17,360 शब्दों (अंग्रेजी संस्करण में) के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
भारत के संविधान की प्रस्तावना देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और इसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता व अखंडता बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देना है. 1948 की शुरुआत में, डॉ अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया और इसे संविधान सभा में पेश किया. 26 नवंबर, 1949 को इस मसौदे को कुछ बदलाव के साथ अपनाया गया था. भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
संविधान दिवस इस दस्तावेज के निर्माताओं को श्रद्धांजलि है. भारतीय संविधान 271 पुरुषों और महिलाओं का काम है जो इसे तैयार करने वाली संविधान सभा का हिस्सा थे. हर तरह से संविधान लाखों लोगों के लिए सदियों से चले आ रहे भेदभाव, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने वाले एक शक्तिशाली मुक्ति उद्घोषणा के रूप में कार्य करता है. इसलिए, संविधान दिवस संविधान सभा की दृष्टि और प्रयासों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, जिसने अधिकतम विचार-विमर्श के माध्यम से एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी.
इस महीने 22 नवंबर को जारी एक प्रेस रिलीज में विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर बताया गया कि संवैधानिक आदर्शों के बारे में जागरूकता पैदा करने के मकसद से देशभर में हमारा संविधान, हमारा सम्मान अभियान शुरू किया गया है. इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, 24 जनवरी, 2024 को भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली में डॉ. बी.आर. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में शुरू किए गए "हमारा संविधान, हमारा सम्मान" अभियान का उद्देश्य संविधान के बारे में नागरिकों की समझ को गहरा करना है. साल भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य भारतीय समाज को आकार देने में संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संविधान के मूलभूत सिद्धांत हर भारतीय के साथ जुड़े रहें.