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Delhi excise policy case: मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ी, कल होगी जमानत पर सुनवाई, फिलहाल ED की कस्टडी में हैं AAP नेता

Delhi excise policy case: शराब नीति मामले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में हैं, जिसने उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया था.

Delhi excise policy case: शराब नीति मामले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में हैं, जिसने उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया था.

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FE Hindi Desk
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति मामले में गिरफ्तार चल रहे हैं. (Photo : ANI)

Manish Sisodia's judicial custody extended till April 3: दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को दिल्ली की अदालत ने 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है. यानी अब वे 3 अप्रैल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेंगे. दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में गिरफ्तार सिसोदिया फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में हैं, जिन्हें सोमवार को उन्हें वर्चुअल ढंग से कोर्ट में पेश किया. दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में कथित तौर पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर एक्साइज़ पॉलिसी बनाने और उस अमल करने के दौरान धांधली करने के आरोप लगे हैं. जांच एजेंसियां इस मामले में सिसोदिया को मुख्य आरोपी बता रही हैं.

इससे पहले मनीष सिसोदिया को 22 मार्च तक ईडी की कस्टडी में सौंपा गया था, जिसने सोमवार को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज एम के नागपाल की अदालत में वर्चुअली पेश किया. इसी के बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ाने का आदेश दे दिया. उनकी जमानत की अर्जी पर कल यानी 21 मार्च को सुनवाई होनी है.

झूठे मुकदमे में फंसाए गए सिसोदिया : AAP

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के तमाम नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि मनीष सिसोदिया को राजनीतिक बदले की भावना से केंद्र सरकार के इशारे पर झूठे मामले में फंसाया गया है. सोमवार को भी दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने सिसोदिया के समर्थन में भाषण दिया. गोपाल राय ने कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली की शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली क्रांति के जनक हैं, जिन्हें झूठे मुकदमे में गिरफ़्तार किया गया है.

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जमानत की अर्जी में दी गई दलीलें

सिसोदिया की तरफ से दी गई जमानत की अर्जी में कहा गया है कि उन्हें कस्टडी में रखने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि केस के सिलसिले में रिकवरी पहले ही की जा चुकी है. इसके अलावा उन्होंने सीबीआई को जांच में हमेशा पूरा सहयोग दिया है. इतना ही नहीं, इस केस के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए बाकी सभी आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली में उप-मुख्यमंत्री जैसे अहम संवैधानिक पद पर रहे हैं और समाज में उनकी जड़ें काफी गहरी हैं. ऐसे में उनके पलायन करने की कोई आशंका नहीं है.

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ED ने मनी लॉन्डरिंग का भी लगाया है आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने सिसोदिया को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में आरोपी बताते हुए कस्टडी में लिया है. इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को सीबीआई की कस्टडी में भी सौंपा था. उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया से पूछताछ ऐसी जगह पर की जाए, जहां सीसीटीवी कवरेज हो. साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को सीसीटीवी कवरेज का फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश भी दिया था.