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ECINet लॉन्च: चुनाव आयोग का नया डिजिटल पोर्टल, अब वोटर रजिस्ट्रेशन और आवेदन होंगे आसान

चुनाव आयोग का ECINet पोर्टल लॉन्च, वोटर अब ऑनलाइन आवेदन और ई-साइन से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। हर मामले में बूथ अधिकारी और ERO द्वारा सत्यापन अनिवार्य होगा।

चुनाव आयोग का ECINet पोर्टल लॉन्च, वोटर अब ऑनलाइन आवेदन और ई-साइन से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। हर मामले में बूथ अधिकारी और ERO द्वारा सत्यापन अनिवार्य होगा।

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Sakshi Kuchroo
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Election Commission of India

ECINet चुनाव आयोग के 40 पुराने ऐप्स और पोर्टल्स को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाएगा। Photograph: (PTI)

चुनाव आयोग (EC) ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने ECINet पोर्टल और ऐप पर नया ‘ई-साइन’ फीचर लॉन्च किया है। अब नया वोटर बनने, या वोटर लिस्ट में सुधार और डिलीशन के लिए आवेदन करने वालों को आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर से पहचान सत्यापन करना अनिवार्य होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव पारदर्शिता और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के उद्देश्य से किया गया है।

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ई-साइन फीचर से होगा सख्त वेरिफिकेशन

चुनाव आयोग ने वोटर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां आवेदक केवल वोटर आईडी नंबर (EPIC) से मोबाइल नंबर लिंक कर फॉर्म जमा कर देते थे, वहीं अब नया ई-साइन फीचर अनिवार्य कर दिया गया है। मंगलवार से शुरू हुए इस फीचर का उपयोग फॉर्म 6 (new registration), फॉर्म 7 (objection or deletion) और फॉर्म 8 (corrections) में किया जाएगा।

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वोटर आईडी और आधार लिंक होना अब ज़रूरी

अब आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वोटर आईडी विवरण आधार से मेल खाते हों और उपयोग किया गया मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो। फॉर्म भरने के बाद आवेदक कोएक्सटर्नल पोर्टल पर भेजा जाएगा, जिसे CDAC (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) संचालित करता है। यहां आधार नंबर डालने के बाद, आधार-लिंक्ड फोन पर एक ओटीपी (OTP) मिलेगा। सहमति देने के बाद, आवेदक वापस चुनाव आयोग की वेबसाइट पर लौटकर फॉर्म सबमिट कर पाएंगे।

अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह कदम वोटर  डिटेल्स के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा, जैसा कि कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में पहले देखा गया था।

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अलंद मामला सुरक्षा जांच का कारण बना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को अलंद में ऑनलाइन वोटर डिलीशन फॉर्म के दुरुपयोग की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने दावा किया कि हजारों आवेदन बिना वोटरों की जानकारी के उनके वोटर आईडी का उपयोग करके दाखिल किए गए। कई मोबाइल नंबर, जिनका उपयोग OTP वेरिफिकेशन के लिए किया गया, वास्तविक वोटरों के नहीं थे। फरवरी 2023 में, चुनाव आयोग ने भी अलंद मामले की जांच की थी और FIR दर्ज की थी।

वोटर लिस्ट में से कुल 6,018 वोटर्स का नाम हटाने को कहा गया था लेकिन उसमे से केवल  24 ही हटाने के लिए वैलिड पाए गए। बाकी नामों को हटाने से मना कर दिया गया, क्योंकि फिजिकल वेरिफिकेशन में पुष्टि हुई कि वोटर अभी भी उसी पते पर रहते हैं।

चुनाव आयोग ने लगातार यह स्पष्ट करता रहा है कि पब्लिक वोटर को ऑनलाइन नहीं हटा सकती। किसी को भी हटाने से पहले उचित जांच और संबंधित वोटर का पक्ष जानना ज़रूरी है।

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ECINet: चुनाव प्रक्रिया को डिजिटल बनाने वाला नया पोर्टल

इस साल की शुरुआत में चुनाव आयोग ने ECINet लॉन्च किया, जो लगभग 40 पुराने आयोग ऐप्स और पोर्टल्स, जिनमें ERONet शामिल है, को एक जगह लाता है। ERONet 2018 में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स (ERO) के लिए केंद्रीय प्लेटफ़ॉर्म के रूप में पेश किया गया था। ECINet के जरिए वोटर अब अपने आवेदन ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं, जबकि चुनाव अधिकारी उन्हें समीक्षा और प्रोसेस कर सकते हैं। हर मामले में बूथ स्तर अधिकारी और संबंधित ERO द्वारा जांच करना अनिवार्य है।

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

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