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ED charge sheet against Vivo: ईडी ने मनी लॉन्डरिंग से जुड़े इस मामले की जांच पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने के बाद शुरू की थी. (File Photo : PTI)
ED files chargesheet against Vivo India and other accused: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो और कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. मनी लॉन्डरिंग से जुड़े इस मामले (Money-Laundering-Case) में ईडी की तरफ से दायर की गई ये पहली चार्जशीट है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत दिल्ली की एक एक विशेष अदालत में बुधवार को प्रॉसेक्यूशन कंप्लेंट (prosecution complaint) यानी अभियोजन शिकायत दायर की गई, जिसमें इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए जा चुके लोगों के अलावा वीवो-इंडिया को भी आरोपी बनाया गया है. ईडी की शब्दावली में चार्जशीट को ही प्रॉसेक्यूशन कंप्लेंट कहा जाता है.
चार लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ईडी वीवो इंडिया से जुड़े इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इन चार लोगों में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रू कुआंग (Guangwen alias Andrew Kuang) और लावा इंटरनेशनल कंपनी के एमडी हरि ओम राय शामिल हैं. इनके अलावा दो चार्टर्ड एकाउंटेंट - नितिन गर्ग और राजन मलिक भी गिरफ्तार किए गए हैं. इन लोगों को गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में ईडी ने आरोप लगाया था कि इन चारों की गैर-कानूनी गतिविधियों की वजह से वीवो इंडिया (vivo-India) ने गलत ढंग से पैसे बनाए, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के खिलाफ है.
ईडी ने पिछले साल की थी छापेमारी
ईडी ने पिछले साल जुलाई में वीवो इंडिया और उससे जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर छापेमारी करके मनी लॉन्डरिंग के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. ईडी के मुताबिक इस रैकेट में कुछ चीनी नागरिकों के अलावा कई भारतीय कंपनियां भी शामिल रही हैं. ईडी ने उस वक्त यह आरोप भी लगाया था कि वीवो इंडिया ने भारत में टैक्स से बचने के लिए 62,476 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि गैरकानूनी तरीके से भारत से चीन ट्रांसफर की थी. हालांकि वीवो ने उस वक्त अपनी सफाई में कहा था कि वो नैतिकता के मानदंडों का कड़ाई से पालन करती है और सभी कानूनी प्रावधानों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
लावा इंटरनेशनल के एमडी ने खुद को निर्दोष बताया
लावा इंटरनेशनल के एमडी हरिओम राय ने हाल ही में कोर्ट में कहा था कि उनकी कंपनी ने करीब एक दशक पहले भारत में ज्वाइंट वेंचर लॉन्च करने के लिए वीवो इंडिया के साथ बातचीत की थी, लेकिन 2014 के बाद से अब तक उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से कोई लेना-देना नहीं रहा है. राय के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल का किसी तरह की ‘आपराधिक कमाई’ से जुड़े होना तो बहुत दूर की बात है, उन्होंने वीवो या उससे जुड़ी किसी अन्य एंटिटी के साथ कोई लेन-देन ही नहीं किया और न ही किसी तरह का आर्थिक लाभ कमाया है.
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की शिकायत से खुला मामला
ईडी ने 3 फरवरी को वीवो की सहयोगी कंपनी ग्रांड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (GPICPL), उसके डायरेक्टर्स, शेयरधारकों और कुछ अन्य प्रोफेशनल्स के खिलाफ एनफोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दायर की थी. ईडी के मामलों में ECIR का मतलब एफआईआर ही होता है. ईडी ने ये रिपोर्ट दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में पिछले साल दिसंबर में दायर एफआईआर को स्टडी करने के बाद दायर की थी. पुलिस में इस मामले की शिकायत कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने दर्ज कराई थी, जिसमें GPICPL और उसके शेयरधारकों पर दिसंबर 2014 में कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराते समय पहचान और एड्रेस से जुड़े फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.