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जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक का निधन. (Image: IE File)
Satya Pal Malik Passed Away: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और राजनीति में अपने बगावती तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है. 79 वर्ष की उम्र में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे, और हाल ही में उनकी अस्पताल से एक चिंताजनक तस्वीर भी सामने आई थी.
मेरठ कॉलेज से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई करने वाले सत्यपाल मलिक ने अपने सियासी करियर की शुरुआत छात्रसंघ की राजनीति से की थी. साल 1974 में चौधरी चरण सिंह की पार्टी 'भारतीय क्रांति दल' से बागपत विधानसभा सीट जीतकर वे पहली बार विधायक बने और यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ.
इसके बाद वे विभिन्न दलों में सक्रिय रहे - राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव बने, 1980 में लोकदल से राज्यसभा पहुंचे, 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन बोफोर्स कांड के दौरान राजीव गांधी सरकार पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस छोड़ दी. फिर वे 1988 में वीपी सिंह की जनता दल में शामिल हुए और 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा चुनाव जीता.
हालांकि इसके बाद के चुनावों में उन्हें सफलता नहीं मिली. 1996 में सपा से और 2004 में भाजपा से लोकसभा चुनाव हारे, लेकिन भाजपा में उनका कद लगातार बढ़ता गया. 2012 में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 2017 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए.
अनुच्छेद 370 और राज्यपाल कार्यकाल
2018 में सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, और उनके कार्यकाल में ही 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया. इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के दौरान सत्यपाल मलिक कई चर्चाओं में भी रहे. वे अक्सर सरकार की नीतियों पर बेबाक राय देने के लिए जाने जाते थे, भले ही वे उसी पार्टी का हिस्सा रहे हों.