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Unemployment Data: हर महीने जारी होंगे बेरोजगारी के आंकड़े, इस तारीख से लागू होगा नया सिस्टम

Unemployment Data : 15 मई को जारी होने वाले बेरोजगारी के आंकड़ों में जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के आंकड़े शामिल होंगे. उसके बाद सरकार तिमाही के बजाय मंथली बेसिस पर यह आंकड़ा जारी करेगी.

Unemployment Data : 15 मई को जारी होने वाले बेरोजगारी के आंकड़ों में जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के आंकड़े शामिल होंगे. उसके बाद सरकार तिमाही के बजाय मंथली बेसिस पर यह आंकड़ा जारी करेगी.

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FE Hindi Desk
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सरकार अब देश में बेरोजगारी की स्थिति को और ज्यादा सटीक और नियमित रूप से जानने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है.(Freepik)

Govt to release unemployment data every month starting May 15: सरकार अब देश में बेरोजगारी की स्थिति को और ज्यादा सटीक और नियमित रूप से जानने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) ने घोषणा की है कि अब बेरोजगारी के आंकड़े तिमाही की जगह मंथली बेसिस पर जारी किए जाएंगे. सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

कब से लागू होने वाला है नया सिस्टम?

उन्होंने बताया कि ये अहम बदलाव 15 मई 2025 से लागू होगा. इस दिन जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के आंकड़े एक साथ जारी किए जाएंगे. इसके बाद हर महीने बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए जाएंगे. अधिकारी ने इसे सरकार की डेटा पारदर्शिता की दिशा में बड़ी पहल बताया.

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अब तक देश में शहरी बेरोजगारी दर को तिमाही आधार पर और ग्रामीण और शहरी संयुक्त बेरोजगारी को सालाना आधार पर जारी किया जाता था. लेकिन बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और नीति-निर्माण में ताजगी और सटीकता लाने के लिए डेटा रिपोर्टिंग का यह नया मॉडल अपनाया जा रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक, यह डेटा सांख्यिकीय रूप से मजबूत होगा और वास्तविक स्थिति को बेहतर ढंग से दर्शाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अप्रैल के अंत तक निजी पूंजीगत व्यय के आंकड़े भी जारी करेगी और सेवा क्षेत्र के उद्यमों पर आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्ष अगले साल से सार्वजनिक किए जाएंगे.

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एक और बड़ा कदम यह होगा कि असंगठित क्षेत्र से जुड़े डेटा को भी अब तिमाही आधार पर लाने की तैयारी हो रही है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तिमाही आधार पर श्रमबल सर्वेक्षण शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है.

मंत्रालय का मानना है कि विश्वसनीय और समय पर आंकड़े न केवल नीति-निर्माण के लिए जरूरी हैं, बल्कि देश और विदेश में भारत की आंकड़ा प्रणाली की विश्वसनीयता को भी मजबूत करते हैं. इस कदम से अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों, पॉलिसी मेकर्स और निवेशकों को ताजगी और पारदर्शिता के साथ काम करने में मदद मिलेगी.

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