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Heat in March: मार्च में पड़ेगी मई-जून वाली गर्मी, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

March Heat: इस साल मार्च के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने का अनुमान है. शनिवार से शुरू हो रहे महीने के दौरान ज्यादातर दिन और रात के समय औसत से अधिक तापमान बने रहने की उम्मीद है.

March Heat: इस साल मार्च के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने का अनुमान है. शनिवार से शुरू हो रहे महीने के दौरान ज्यादातर दिन और रात के समय औसत से अधिक तापमान बने रहने की उम्मीद है.

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FE Hindi Desk
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मार्च 2025 के दूसरे हफ्ते से दिन के तापमान में वृद्धि होने का अनुमान है और महीने के अंत तक कई राज्यों में अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाने की संभावना है. Photograph: (FE File)

IMD warns of record-breaking March heat: भारत इस साल मार्च महीने में बहुत ज्यादा गर्मी का सामना कर सकता है. पूरे महीने औसत से अधिक तापमान बने रहना का अनुमान है. इस अधिक गर्मी से पकते हुए गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है, जिससे उसकी उपज कम हो सकती है. मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्न ने यह जानकारी दी है. 

शुक्रवार को जारी होने वाले मौसम विभाग के आधिकारिक पूर्वानुमान से पहले नाम न लेने की शर्त पर आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया इस साल मार्च के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने की संभावना है. पूरे महीने ज्यादातर दिन और रात के समय तापमान औसत से अधिक रह सकता है. अधिकारी ने बताया कि मार्च के दूसरे हफ्ते से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने का अनुमान है और महीने के अंत तक कई राज्यों में अधिकतम पारा 40 डिग्री (104°F) के पार जाने की संभावना है.

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रिकॉर्ड गर्मी से गेहूं की उपज होगी प्रभावित

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश होने के नाते भारत 2025 में अच्छी फसल की उम्मीद कर रहा है ताकि 2022 से 2024 तक लगातार तीन सालों की खराब फसल के बाद महंगे आयातों से बचा जा सके. हालांकि, अत्यधिक गर्मी से चौथे साल भी पैदावार कम हो सकती है, जिससे सरकार को आयात पर लगे 40% टैक्स को कम या हटा कर आयात की अनुमति देनी पड़ सकती है, ताकि सप्लाई की कमी को दूर किया जा सके. यह स्थिति 2022 की याद दिलाती है, जब फरवरी और मार्च में अचानक आई गर्मी ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद भारत को घरेलू सप्लाई को सुरक्षित रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी थी.

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मौसम विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों में मार्च के मध्य से तापमान में तेज वृद्धि होने की संभावना है - जो संभवतः सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकती है. अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, "मार्च का मौसम गेहूं, चना और तिलहन के लिए अनुकूल नहीं होगा, जिससे इन पर गर्मी का असर पड़ सकता है." ये शीतकालीन फसलें, जिन्हें आमतौर पर अक्टूबर और दिसंबर के बीच बोया जाता है, अधिक उपज हासिल करने के लिए अपने पूरे विकास साइकिल में ठंडे तापमान पर निर्भर रहती हैं. गर्मी की मौजूदा हालात के कारण इस महीने घरेलू गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, और सप्लाई कम हो गई है. एक वैश्विक व्यापारिक फर्म के साथ जुड़े नई दिल्ली स्थित एक व्यापारी ने कहा कि फरवरी असामान्य रूप से गर्म थी, और यदि मार्च और भी अधिक गर्म हुआ, तो गेहूं उत्पादन पर भारी असर पड़ सकता है."

Imd