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Aditya L1 : 6 जनवरी को L1 प्वॉइंट पर पहुंचेगा देश का पहला सोलर मिशन, सूरज के रहस्यों से उठेंगे पर्दे

भारत का पहला सोलर मिशन ‘आदित्य L1’ पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन प्वॉइंट’ (L1) पर पहुंचेगा. सूरज का अध्ययन करने के लिए इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को लॉन्च किया था.

भारत का पहला सोलर मिशन ‘आदित्य L1’ पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन प्वॉइंट’ (L1) पर पहुंचेगा. सूरज का अध्ययन करने के लिए इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को लॉन्च किया था.

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Mithilesh Kumar
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ISRO Space craft launch

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने 2 सितंबर को सूरज का अध्ययन करने के लिए देश का पहला सोलर मिशन लॉन्च किया था.

भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल1 (India's maiden solar mission Aditya-L1) पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित लैग्रेंजियन प्वाइंट (Lagrangian point- L1) पर 6 जनवरी 2023 को पहुंचेगा. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक सम्मेलन में कहा कि सोलर मिशन आदित्य L1 छह जनवरी को L1 प्वॉइंट में प्रवेश करेगा. इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सूरज का अध्ययन करने के लिए देश का पहला सोलर मिशन लॉन्च किया था.

भारतीय विज्ञान सम्मेलन में इसरो के अध्यक्ष ने दी जानकारी

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन (NGO) विज्ञान भारती द्वारा आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन के मौके पर शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि आदित्य-L1 6 जनवरी को L1 प्वॉइंट में एंट्री करेगा. उचित समय पर सटीक समय की घोषणा की जाएगी.

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सूरज के रहस्यों से उठेंगे पर्दे

उन्होंने कहा कि आदित्य-L1 यह L1 प्वॉइंट पर पहुंचता है, तो हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा ताकि यह आगे न बढ़े. यह उस प्वॉइंट तक जाएगा और एक बार जब यह उस प्वॉइंट पर पहुंच जाएगा. यह इसके चारों ओर घूम जाएगा और L1 पर फंस जाएगा. एक बार जब आदित्य-एल1 अपने L1 प्वॉइंट पर पहुंच जाएगा, तो यह अगले पांच वर्षों तक सूरज पर होने वाली विभिन्न घटनाओं को मापने में मदद करेगा.

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इसरो के चीफ ने कहा कि सोलर मिशन आदित्य L1 एक बार जब L1 प्वॉइंट पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया जाता है, तो यह अगले पांच सालों तक वहां रहेगा और सभी डेटा एकत्र करेगा जो अकेले भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. सूरज की गतिशीलता और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है, इसे समझने के लिए डेटा बहुत उपयोगी होगा. उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कैसे तकनीकी रूप से शक्तिशाली देश बनने जा रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है.

सोमनाथ ने कहा, इसरो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार 'अमृत काल' के दौरान एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना बनाई है, जिसे 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' कहा जाएगा. उन्होंने कहा, ''अंतरिक्ष क्षेत्र में हम नए कलाकारों का उदय देख रहे हैं...हम नई पीढ़ी को समर्थन, प्रोत्साहन और अर्थव्यवस्था का निर्माण करने जा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि भारत हर चीज में अग्रणी नहीं बन सकता, लेकिन उसे इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

Isro