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Liquor for health! गुजरात में 'हेल्थ ग्राउंड' पर शराब का परमिट लेने वालों की संख्या बढ़ी, मेडिकल बोर्ड देता है 'सेहत के लिए पीना जरूरी' होने का सर्टिफिकेट!

Liquor permits on 'health ground' : गुजरात में सेहत के लिए 'जरूरी' होने के आधार पर शराब पीने का परमिट हासिल करने वालों की संख्या पिछले 3 साल में 58% बढ़ गई है.

Liquor permits on 'health ground' : गुजरात में सेहत के लिए 'जरूरी' होने के आधार पर शराब पीने का परमिट हासिल करने वालों की संख्या पिछले 3 साल में 58% बढ़ गई है.

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FE Hindi Desk
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Liquor permits on health ground in Gujarat, गुजरात में सेहत के आधार पर मिलता है शराब पीने का परमिट

Liquor permits on health ground : गुजरात में शराब के परमिट होल्डर्स की कुल संख्या नवंबर 2020 में 27,452 थी, जो अब बढ़कर 43,470 हो चुकी है. (Image : Pixabay)

Liquor permits on health ground in Gujarat go up by 58 per cent in 3 years: गुजरात में शराब पीने के साथ ही साथ शराब के उत्पादन, स्टोरेज और बिक्री पर भी दशकों से प्रतिबंध लागू है. लेकिन विदेशों से आने वाले पर्यटकों समेत कुछ लोगों को परमिट लेकर शराब पीने की छूट दी जाती है. दिलचस्प बात ये है कि बहुत सारे लोगों को परमिट इस आधार पर दिया जाता है कि उनकी 'सेहत के लिए शराब पीना जरूरी' है. ऐसा हम नहीं कह रहे, समाचार एजेंसी पीटीआई ने गुजरात के शराबबंदी और आबकारी विभाग के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि राज्य में 'हेल्थ ग्राउंड' पर शराब पीने का परमिट हासिल करने वालों की तादाद पिछले 3 साल में 58 फीसदी बढ़ गई है.  

राज्य में 43 हजार से ज्यादा परमिट होल्डर

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में शराब के परमिट होल्डर्स की कुल संख्या नवंबर 2020 में 27,452 थी, जो अब बढ़कर 43,470 हो चुकी है. गुजरात के मध्य निषेध यानी शराबबंदी विभाग ( Gujarat prohibition department) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि हेल्थ ग्राउंड के अलावा विदेशी  नागरिकों और दूसरे राज्यों से आने वाले भारतीय नागरिकों को भी गुजरात में रहने के दौरान अधिकतम एक सप्ताह के लिए शराब पीने का परमिट दिया जाता है.

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अहमदाबाद में जारी हुए सबसे ज्यादा परमिट 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में शराब के सबसे ज्यादा 13,456 परमिट अहमदाबाद जिले में जारी किए गए हैं. इसके बाद सूरत में 9238, राजकोट में 4502, वडोदरा में 2743, जामनगर में 2039, गांधीनगर में 1851 और पोरबंदर में 1700 शराब के परमिट जारी हुए हैं. गुजरात में कुल 77 होटल ऐसे हैं, जिनके पास परमिट रखने वालों, विदेशियों या दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों को शराब बेचने का लाइसेंस है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति को शराब का परमिट तभी मिलता है, जब उस इलाके का मेडिकल बोर्ड यह सर्टिफिकेट देता है कि "आवेदन के स्वास्थ्य के लिए शराब का सेवन करना जरूरी है!" 

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'गिफ्ट सिटी' में शराबबंदी लागू नहीं 

देश की आजादी के करीब 12 साल बाद 1 मई 1960 को अलग राज्य के तौर पर गुजरात का गठन हुआ और तभी से प्रदेश में शराबबंदी लागू है. हालांकि पिछले सप्ताह ही राज्य सरकार ने 'ग्लोबल बिजनेस इकोसिस्टम' मुहैया कराने के लिए गुजरात इंटरनेशल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT-City) के इलाके में शराबबंदी लागू नहीं करने की घोषणा की है. राज्य के मद्य निषेध विभाग ने एलान किया है कि इस नई व्यवस्था के तहत GIFT City के इलाके में आने वाले होटल, रेस्टोरेंट्स और क्लबों को शराब परोसने का लाइसेंस दिया जाएगा. हालांकि उन्हें लोगों को शराब की बोतल बेचने की इजाजत नहीं होगी.

(इनपुट: पीटीआई)

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