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Apple Threat Notifications: ऐपल पर फोन हैकिंग की चेतावनी वापस लेने के लिए पड़ा था दबाव? वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में मोदी सरकार पर आरोप

Apple Phone Hacking Warnings : भारत के कई विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने अक्टूबर में कहा था कि उन्हें Apple की तरफ से चेतावनी मिली है कि सरकार प्रायोजित हैकर उनके iPhone को निशाना बना रहे हैं.

Apple Phone Hacking Warnings : भारत के कई विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने अक्टूबर में कहा था कि उन्हें Apple की तरफ से चेतावनी मिली है कि सरकार प्रायोजित हैकर उनके iPhone को निशाना बना रहे हैं.

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FE Hindi Desk
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Modi Government Targeted Apple, Apple Phone Hacking Warnings, iPhone Hacking Warnings, Washington Post report, ऐपल की फोन हैकिंग की चेतावनी, ऐपल पर भारत सरकार ने डाला दबाव, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट, मोदी सरकार पर बड़ा आरोप, विपक्षी नेताओं के फोन हैक करने का मामला, Mahua Moitra, महुआ मोइत्रा

Apple Threat Notifications: ऐपल से मिली वॉर्निंग का यह स्क्रीनशॉट टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा 31 अक्टूबर 2023 को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. ऐसे की स्क्रीनशॉट कई और विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने भी शेयर किए थे. (Screenshot from Mahua Moitra's post on X)

Modi Govt targeted Apple over its Phone Hacking Warnings, claims Washington Post: भारत के कई विपक्षी नेताओं और पत्रकारों को ऐपल (Apple) की तरफ से हैकिंग की चेतावनी दिए जाने के मामले में वॉशिंगटन पोस्ट ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. अमेरिकी अखबार की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐपल की तरफ से हैकिंग की वॉर्निंग दिए जाने के बाद सरकारी अफसरों ने कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर चेतावनी को वापस लेने और इसके राजनीतिक असर को कम करने में मदद करने के लिए दबाव डाला था. इसी साल अक्टूबर में कई विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि उन्हें ऐपल की तरफ से चेतावनी मिली है कि सरकार प्रायोजित हैकर उनके iPhone को निशाना बना रहे हैं. सरकार ने इन आरोपों का उसी वक्त खंडन किया था.

सरकारी अधिकारी काफी गुस्से में थे : रिपोर्ट 

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि हैकिंग की चेतावनी का खुलासा होने के एक दिन बाद ही मोदी सरकार के अधिकारियों ने ऐपल (Apple-Inc) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मसले को अच्छी तरह जानने वाले तीन लोगों ने उन्हें बताया कि मोदी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत में ऐपल के प्रतिनिधि को बुलाकर कहा कि वे हैकिंग की चेतावनी के राजनीतिक प्रभाव को कम करने में उनकी मदद करें. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान सरकारी अधिकारी काफी गुस्से में थे. इतना ही नहीं, भारत के बाहर रहने वाले ऐपल के एक सिक्योरिटी एक्सपर्ट को भी दिल्ली बुलाकर कहा गया कि वे ऐपल यूजर्स को भेजी गई वॉर्निंग का एक अल्टरनेटिव एक्सप्लेनेशन यानी कुछ अलग व्याख्या पेश करें. 

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विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगाया था फोन हैकिंग का आरोप 

ऐपल यूजर्स को मिले वॉर्निंग मैसेज में कहा गया था, "ऐपल को लगता है कि सरकार प्रायोजित हमलावर आपको निशाना बना रहे हैं और आपकी ऐपल आईडी से जुड़े आईफोन को दूर से प्रभावित (remotely compromise) करने की कोशिश कर रहे हैं." कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi-Tharoor) और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua-Moitra) समेत कई विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने जब इस तरह की वॉर्निंग मिलने की बात कही, तो इस पर काफी विवाद खड़ा हुआ. कई विपक्षी नेताओं ने ऐपल के वॉर्निंग मैसेज को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार उनके फोन हैक करने की कोशिश कर रही है. 

ऐपल पर वॉर्निंग वापस लेने का दबाव डाला गया : रिपोर्ट 

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मोदी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह मामला सामने आने के बाद ऐपल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर विराट भाटिया को बुलाकर कहा कि वे ऐपल से गलती होने का बयान देते हुए वॉर्निंग को वापस ले लें. रिपोर्ट के मुताबिक इस मसले पर काफी बहस होने के बाद ऐपल के इंडिया ऑफिस ने कहा कि वो ज्यादा से ज्यादा एक ऐसा सार्वजनिक बयान जारी कर सकते हैं, जिसमें कंपनी के टेक सपोर्ट पेज पर वॉर्निंग के बारे में पहले से मौजूद सावधानियों (caveats) पर जोर दिया गया हो. जल्द ही ऐपल इंडिया ने ऐसे ईमेल जारी किए जिनमें कहा गया था कि "ऐसे अटैक की पहचान करने का काम उन खुफिया संकेतों के आधार पर किया जाता है, जो अक्सर अधूरी होती हैं और परफेक्ट नहीं होतीं." ऐपल ने यह भी कहा कि उसने अपने नोटिफिकेशन में किसी खास सरकार प्रायोजित अटैकर को जिम्मेदार नहीं बताया है. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भाटिया ने कुछ लोगों से कहा था कि कंपनी पर सरकार की तरफ से काफी दबाव पड़ रहा था. 

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भारत सरकार कर रही है मामले की जांच 

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में पूछे जाने पर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि "हमने इस मामले में टेक्निकल जांच बैठाई है. अब तक ऐपल ने जांच की प्रक्रिया में पूरा सहयोग किया है." गौरतलब है कि भारत सरकार ने यह विवाद सामने आने के बाद पूरे मामले की जांच CERT-In की अगुवाई में कराने का एलान किया था. उस वक्त सरकार ने कहा था कि जांच का मकसद पूरे मामले की तह तक जाकर इस बात का पता लगाना है कि ऐपल के प्रोडक्ट सिक्योर और सेफ हैं या नहीं और उन पर कंज्यूमर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए भरोसा किया जा सकता है या नहीं. अगर ऐपल के प्रोडक्ट सेफ हैं, तो यूजर्स को मिले नोटिफिकेशन्स का क्या मतलब है? CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत सरकार की नोडल एजेंसी है.

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