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Lok Sabha adjourned sine die: लोकसभा की इस तस्वीर में विपक्ष के 100 सांसदों के निलंबित होने की वजह से खाली पड़ी उनकी कुर्सियां देखी जा सकती हैं. (Photo : PTI)
Lok Sabha adjourned sine die, 100 MPs Suspended: लोकसभा का मौजूदा सत्र, तय समय से एक दिन पहले, यानी गुरुवार को ही खत्म हो गया. लोकसभा का यह सत्र विपक्षी सांसदों के रिकॉर्ड संख्या में निलंबन और सदन की सुरक्षा में भारी लापरवाही (Security-Breach) बरते जाने के लिए याद रखा जाएगा. इसके अलावा इस सत्र के दौरान तीन ऐसे अहम बिल भी पारित किए गए, जिनसे देश की आपराधिक कानून प्रणाली (Criminal Justice System) में भारी बदलाव हो सकता है. खास बात ये है कि इन तीनों कानूनों को लोकसभा में ऐसे समय में पारित किया गया, जब ज्यादातर विपक्षी सांसद सस्पेंड किए जाने के कारण सदन की कार्यवाही से बाहर हो चुके थे. लोकसभा (Lok-Sabha) के इस सत्र के दौरान विपक्ष के कुल मिलाकर 100 सांसदों को सस्पेंड किया गया, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था. इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को इसी सत्र के दौरान सदन से निष्कासित भी किया गया.
एक दिन पहले खत्म हुआ शीतकालीन सत्र
4 दिसंबर को शुरू हुए लोकसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार 22 दिसंबर तक चलनी थी, लेकिन कई अहम विधेयकों को ताबड़तोड़ पारित किए जाने के बाद इसे 21 दिसंबर को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन की कार्यवाही को स्थगित किये जाते समय सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे.
खाली नजर आईं विपक्ष की कुर्सियां
बड़ी तादाद में सांसदों के निलंबन की वजह से विपक्ष की तरफ की कुर्सियां काफी हद तक खाली रहीं. सत्र समाप्ति से पहले गुरुवार को भी तीन विपक्षी सांसद सस्पेंड किए गए, जिससे निलंबित विपक्षी सांसदों की संख्या का शतक पूरा हुआ. ये विपक्षी सांसद मांग कर रहे थे कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई भारी लापरवारी के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सदन के भीतर आकर बयान देना चाहिए. इन विपक्षी सांसदों को अपनी इस मांग के समर्थन में तख्तियां लेकर हंगामा करने की वजह से पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया.
आतंकी हमले की बरसी के दिन संसद की सुरक्षा में भारी चूक
दरअसल, संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन ही दो युवक लोकसभा में शून्यकाल के दौरान विजिटर गैलरी से सदन के भीतर कूद गए और अपने साथ लाए कैन से पीला धुआं छोड़कर नारेबाजी की. कुछ सांसदों ने मिलकर उन्हें पकड़ा और सुरक्षा कर्मियों के हवाले किया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर भी एक युवक और एक महिला को कैन से धुआं छोड़कर प्रदर्शन करते हुए पकड़ा गया. इस मामले में बाद में दो और युवकों की मिलीभगत का भी पता चला. विपक्षी सांसद इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए संसद के दोनों सदनों में गृह मंत्री के बयान देने की मांग पर अड़े रहे, जबकि सरकार विपक्ष की यह मांग नहीं मानने की जिद पर अड़ी रही. इसी चक्कर में कई दिनों तक लोकसभा और राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया. राज्यसभा में भी इसी मसले पर हंगामा करने के आरोप में 46 सांसदों को सस्पेंड किया गया है.
इस सत्र में पास हुए कई अहम बिल
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को बताया कि शीतकालीन सत्र में सदन की उत्पादकता (Productivity) करीब 74 प्रतिशत रही. उन्होंने बताया कि पूरे सत्र के दौरान 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं. इस दौरान 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए. इन बिलों में आपराधिक कानूनों (Criminal-Laws) से जुड़े तीन अहम विधेयक शामिल हैं. ये विधेयक हैं : भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य (BS) विधेयक 2023. भारतीय आपराधिक न्याय व्यवस्था में भारी बदलाव करने वाले ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) 1872 की जगह लेंगे. इनके अलावा लोकसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों से जुड़ा बिल (Chief Election Commissioner and Other Election Commissioners (Appointment, Conditions of Service and Term of Office) Bill 2023) भी पारित कर दिया. इनके साथ ही केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023; दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक 2023; दूरसंचार विधेयक 2023 समेत कुछ और विधेयकों को भी लोकसभा ने गुरुवार को मंजूरी दे दी.