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Criminal Law Bills passed : देश के आपराधिक कानूनों में होगा बड़ा बदलाव, 3 अहम बिल लोकसभा में पास

Parliament Winter Session 2023: मोदी सरकार ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता के संशोधित विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित करा लिए.

Parliament Winter Session 2023: मोदी सरकार ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता के संशोधित विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित करा लिए.

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Viplav Rahi
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New Criminal Law Bills passed, Lok Sabha, अमित शाह, Amit Shah

New Criminal Law Bills passed in Lok Sabha: गृह मंत्री अमित शाह ने देश के आपराधिक कानूनों में भारी बदलाव करने वाले 3 विधेयक पेश किए, जिन्हें लोकसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. (PTI Photo)

Lok Sabha passes 3 amended Criminal Law Bills: लोकसभा ने पुराने आपराधिक कानूनों (Criminal Laws) में बदलाव के लिए मोदी सरकार की तरफ से पेश तीनों संशोधित विधेयकों को मंजूरी दे दी. इन तीनों विधेयकों पर बुधवार को ज्यादातर विपक्षी सांसदों की गैरमौजूदगी में चर्चा हुई, जिसका जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. लोकसभा के 97 सांसद पिछले कुछ दिनों के दौरान पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जा चुके हैं. लिहाजा इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के दौरान वे सदन में मौजूद नहीं थे. 

IPC, CRPC और एविंडेस एक्ट की जगह लेंगे नए कानून  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit-Shah) के विस्तृत जवाब के बाद लोकसभा (Lok-Sabha) ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य (BS) विधेयक 2023 को ध्वनमित से पारित कर दिया. ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) 1872 की जगह लेंगे. सरकार ने इन तीनों बिलों को पहले मानसून सत्र में पेश किया था. लेकिन बाद में कुछ बदलाव करने के लिए उन्हें वापस ले लिया गया था. गृह मंत्री ने अब संशोधनों के बाद तीनों बिल फिर से पेश किए, जिन्हें लोकसभा ने पारित कर दिया. 

आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव : शाह 

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तीनों विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि ये प्रस्तावित कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर लाये गए हैं. गृहमंत्री ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है, जो भारत की जनता के हित में है. अमित शाह ने दावा किया कि इन विधेयकों के माध्यम से मोदी सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है. उन्होंने उनका कहना था, ‘‘पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, लेकिन अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है.’’ 

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150 साल पुराने कानूनों में मोदी जी के नेतृत्व में बदलाव : शाह

अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले आमूल-चूल परिवर्तन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली इन्हीं कानूनों के जरिए चलती है. अमित शाह ने कहा कि अब तक किसी भी कानून में आतंकवाद की व्याख्या नहीं की गई थी. पहली बार मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है. अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों के जरिए सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है. 

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ओवैसी, हरसिमरत कौर ने किया नए कानूनों का विरोध 

AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पुराने आपराधिक कानूनों की जगह मोदी सरकार द्वारा पेश तीनों विधेयकों का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि ये तीनों कानून "सरकार के अपराधों को कानूनी शक्ल देने के लिए बनाए जा रहे हैं." शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी कहा कि इस कानून में पुलिस को बहुत ज्यादा अधिकार दे दिए गए हैं, जबकि आम नागरिकों में पुलिस राज का डर कम से कम होना चाहिए. 

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