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Ramzan Eid: देशभर में ईद गुरुवार, 11 अप्रैल को मनाई ईद. (Image: Express Archives)
Eid Celebrations, Ramzan Eid, Eid, Kab Manayi Jayegi Eid: मंगलवार को चांद का दीदार नहीं हुआ. ऐसे में ईद बुधवार को नहीं, बल्कि गुरुवार को मनाई जाएगी. उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी है. मरकजी चांद कमेटी के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली (Lucknow's Markazi Chand Committee) ने कहा कि ईद बुधवार को नहीं, बल्कि गुरुवार 11 अप्रैल को मनाई जाएगी क्योंकि मंगलवार को चांद का दीदार नहीं हुआ.
लखनऊ में गुरुवार को मनेगी ईद: फरंगी महली
लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बयान में कहा कि 9 अप्रैल 2024 को शव्वाल का चांद नहीं दिखा है. इसलिए बुधवार को रोजा रखा जाएगा और ईद गुरुवार, 11 अप्रैल 2024 को होगी. साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि ईदगाह लखनऊ में ईद उल फित्र की नमाज गुरुवार सुबह 10 बजे होगी.
Uttar Pradesh: Lucknow's Markazi Chand Committee says Eid is to be celebrated on April 11 as the Moon has not been sighted today. pic.twitter.com/mKupPVdoUh
— ANI (@ANI) April 9, 2024
देश के इस हिस्से में बुधवार को मनाई जाएगी ईद
हालांकि देश के कुछ हिस्सों में बुधवार को भी ईद मनाई जा रही है. समाचार एजेंसी एएनआई ने कश्मीर के मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम (Kashmir's Grand Mufti Nasir-ul-Islam) के हवाले से जानकारी दी कि वहां पर शव्वाल यानी ईद-उल-फित्र का चांद देखा गया है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर में बुधवार को ईद मनाई जा रही है. श्रीनगर से आई तस्वीरों में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को ईद की नमाज़ पढ़ते देखा जा सकता है.
#WATCH | Former J&K CM and NC leader Farooq Abdullah along with his son and party leader Omar Abdullah offers namaz in Srinagar, on the occasion of #EidulFitr2024pic.twitter.com/kqwhBKkRIo
— ANI (@ANI) April 10, 2024
ईद का महत्व
ईद-उल-फितर 2024 का महत्व यह है कि मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना से ईद का त्योहार शुरू हुआ था. इसके अलावा माना जाता है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत भी हासिल की थी. जीत की खुशी में मुंह मीठा कराया गया था. इसी के कारण इस दिन को मीठी ईद या फिर ईद-उल-फितर कहा जाता है.
ईद पर बनने वाले पकवानों में सेवई को हासिल है शोहरत
ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है. इसे ईद या रमजान ईद के नाम से भी जाना जाता है. ईद के मौके पर कई पकवान बनाए जाते हैं. जिनमें सेवईयों को खास पहचान और शोहरत हासिल है. भारत में एक कहावत है कि बिना सेवइयां तो ईद ही अधूरी है. दरअसल, इन्हीं सेवइयों के इस्तेमाल की वजह इस ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है. ईद पर घरों में सेवई बनने के पीछे मान्यता है कि सेवई आपसी तालमेल और रिश्ते में मिठास भरती है. लोग इसे खाने के अलावा एक दूसरे से गले मिलते हैं और उपहार भी देते हैं और भाईचारे में मिठास की कामना करते हैं. खास मौके पर सेवई भी दो तरह की बनाई जाती है. जिसमें एक शीर खुरमा और दूसरा किमामी सेवई के नाम से जानी जाती है.
ये सेवइयां सिर्फ खाने पीने की चीज़ नहीं है, बल्कि मेहमान को परोसने से लेकर करीबी रिश्तेदारों, पड़ोसियों के यहां भेजने और मुहब्बत बांटने का एक अहम जरिया है. ईद की नमाज होने के बाद महिलाएं और बच्चियां, अपने करीबी रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसियों के घर सेवईंया लेकर जाती हैं. इसी मौके पर बच्चियों को उपहार के तौर पर ईदी (ईद के मौके पर दिए जाने वाले पैसे) भी मिलती है, जिसे पाने के बाद बच्चों में खुशी की लहर दौड़ जाती है.
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