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Eknath Shinde resigns as CM: महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
Maharashtra New CM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इसे लेकर तीसरे दिन भी सस्पेंस जारी है. 14वीं राज्य विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. नए नेता के शपथ लेने तक शिंदे बतौर कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. मौजूदा सरकार का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है और इस्तीफे के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी शिंदे के साथ थे.
महाराष्ट्र में 1 दिसंबर को नए सीएम लेंगे शपथ: सूत्र
इस बीच, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सीएम की कुर्सी पर कौन काबिज होगा और बीजेपी विधायक फडणवीस के पक्ष में हैं. राज्य बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व ने सीएम के तौर पर फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी है, वहीं शिवसेना के एक सूत्र ने कहा, "फडणवीस को सीएम बनाने के बारे में हमसे कोई सलाह-मशविरा नहीं हुआ है और हमारी पार्टी अभी तक सीएम के लिए किसी नाम पर सहमत नहीं हुई है. नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 1 दिसंबर को होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ 20 विधायक कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. बीजेपी के 10 विधायकों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी, जबकि शिंदे सेना के छह विधायक और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के चार विधायक भी मंत्री पद की भूमिका निभाएंगे.
किसे मिलेगी महाराष्ट्र की कमान? सस्पेंस जारी
सीएम शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अभी तक इस बात पर अंतिम फैसला नहीं लिया है कि शीर्ष पद किसे मिलेगा. हालांकि भाजपा नेता चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनें, जबकि शिवसेना विधायक शिंदे को पद पर बने रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने फडणवीस का समर्थन करने का फैसला किया है.
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 132 विधायक हैं, शिवसेना के पास 57 और एनसीपी के पास 41 हैं. इसका मतलब है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए भाजपा को अपने दो सहयोगियों में से सिर्फ एक की जरूरत है. इससे एकनाथ शिंदे के पास मुख्यमंत्री पद के लिए सौदेबाजी के बहुत कम मौके बचे हैं.
भाजपा नेतृत्व इस बात पर विचार-विमर्श कर रहा है कि किसे बड़ा पद मिलेगा, वहीं शिवसेना नेताओं के एक गुट ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले वर्षा (Varsha) के बाहर इकट्ठा होने की योजना बनाई थी, जाहिर तौर पर एकनाथ शिंदे के लिए शक्ति प्रदर्शन के तौर पर. लेकिन शिवसेना प्रमुख ने हस्तक्षेप किया और उन्हें ऐसा न करने को कहा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए पोस्ट के जरिए कहा कि महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद, राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी. एक महागठबंधन के तौर पर हमने मिलकर चुनाव लड़ा और आज भी साथ हैं. मेरे प्रति प्यार के कारण कुछ लोगों ने सभी से एक साथ इकट्ठा होकर मुंबई आने की अपील की है. मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं. लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी इस तरह से मेरे समर्थन में एक साथ न आए."
इस सस्पेंस के बीच शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के (Naresh Mhaske) ने 'बिहार मॉडल' का हवाला देते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, भले ही विधानसभा में भाजपा के पास अधिक सीटें हों. शिवसेना प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा कि हमें लगता है कि शिंदे को मुख्यमंत्री होना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे बिहार में भाजपा ने संख्या पर ध्यान नहीं दिया और फिर भी जदयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया. महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के वरिष्ठ नेता इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. उन्होंने हरियाणा का उदाहरण भी दिया, जहां भाजपा ने मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ही चुना.
हालांकि, भाजपा के प्रवीण दरेकर (Pravin Darekar) ने कहा कि लोगों ने देवेंद्र फडणवीस को जनादेश दिया है. महाराष्ट्र की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं. प्रवीण दरेकर ने उम्मीद जताई कि फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए. महाराष्ट्र को एक चतुर और विद्वान नेता की जरूरत है. उन्होंने गठबंधन को एकजुट रखा, हमारे सहयोगियों को उम्मीदवार दिए और जरूरत पड़ने पर पीछे भी हट गए. उन्होंने हमेशा समन्वय बनाए रखा है. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की जीत में भाजपा की वैचारिक संस्था आरएसएस ने अहम भूमिका निभाई है, आरएसएस भी नागपुर दक्षिण-पश्चिम से चुने गए विधायक फडणवीस का समर्थन करती है. ऐसा माना जा रहा है कि आरएसएस अगले साल अपना शताब्दी समारोह मनाएगा और भाजपा का मुख्यमंत्री चाहता है.