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गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चोकसी पर अपने भांजे नीरव मोदी, नीशाल मोदी और नीरव मोदी की पत्नी अमी मोदी के साथ मिलकर पीएनबी से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए 1300 करोड़ रुपये घोटाला करने का आरोप है. (Image: FE File)
Mehul Choksi Net Worth: देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में शामिल और भगोड़े डायमंड किंग मेहुल चोकसी को इंटरपोल से बड़ी राहत मिली है. इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ को हटा दिया है. इसका सीधा मतलब ये है कि अब इंटरनेशनल पुलिस संगठन की नजर में मेहुल चोकसी वॉन्टेड नहीं है. इस फैसले ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जैसी भारतीय सेंट्रल एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका साबित किया है, जो सालों से चोकसी को भारत लाने की कोशिशों में लगी थीं.
भारत छोड़ते समय डायमंड किंग मेहुल चोकसी के पास 20,000 करोड़ रुपये की दौलत थी. इसकी जानकारी उसने खुद अपने एक में दी थी. करीब सात साल पहले अरबों में खेलने वाले चोकसी की कितनी हैसियत है यहां डिटेल देखें.
कौन है मेहुल चोकसी?
मेहुल चोकसी का नाम इंडियन डायमंड इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम रहा है. वह गीतांजलि जेम्स (Gitanjali Gems) नामक कंपनी का मालिक रहा है, जिसने भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में कारोबार फैलाया. अमेरिका, हांगकांग, चीन, जापान, इटली, थाईलैंड जैसे देशों में उसके ब्रांड्स के स्टोर थे. चोकसी के ब्रांड्स - गिली, नक्षत्र, माया, अस्मि, दिया, संगिनी आदि भारतीय बाजार में फैशन और वैभव का प्रतीक माने जाते थे. टीवी विज्ञापनों में बड़े-बड़े बॉलीवुड सितारे इन ब्रांड्स को प्रमोट करते थे.
हीरे का बादशाह कैसे बना स्कैम किंग?
1975 में अपने पिता चिनुभाई चोकसी से कारोबार की बागडोर संभालने वाले मेहुल चोकसी ने देखते ही देखते कंपनी के टर्नओवर को 50 करोड़ से 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया. लेकिन जल्द मुनाफा कमाने की भूख और कारोबारी नैतिकता से समझौता उसे घोटाले की राह पर ले गई. मेहुल चोकसी ने अपने भांजे नीरव मोदी (Nirav Modi), नीशाल मोदी (Neeshal Modi) और नीरव मोदी की पत्नी अमी मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया. उन्होंने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर यह फाइनेंशियल फ्रॉड अंजाम दिया. सीबीआई और ईडी की जांच के अनुसार, अकेले मेहुल चोकसी पर 7,080.86 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. 2018 में यह घोटाला सामने आया और उसके ठीक पहले ही चोकसी देश छोड़कर फरार हो गया. इसके बाद उसे एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता मिल गई, जिससे उसे भारत प्रत्यर्पण से कानूनी सुरक्षा मिलने लगी.
रेड कॉर्नर नोटिस क्यों हटाया गया?
रेड कॉर्नर नोटिस किसी भी भगोड़े को दुनिया भर में ढूंढने और गिरफ्तार कराने का इंटरपोल का सबसे प्रभावी टूल माना जाता है. लेकिन अब मेहुल चोकसी को इस लिस्ट से हटा दिया गया है. इंटरपोल का मानना है कि चोकसी ने जिन परिस्थितियों का हवाला देकर राहत मांगी थी जैसे उसकी जबरन अपहरण की कोशिश और उत्पीड़न की आशंका उन पर गंभीर विचार किया गया.इसके अलावा, उसने दावा किया कि भारत में उसे निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलेगी, और भारत प्रत्यर्पित होने की स्थिति में उसकी जान को खतरा है. इंटरपोल ने इन दलीलों के आधार पर उसकी याचिका स्वीकार कर ली और रेड नोटिस हटा दिया.
मेहुल चोकसी के पास कितनी बची है दौलत?
चोकसी को इंटरपोल की लिस्ट से हटाना सीबीआई और ईडी जैसी भारतीय एजेंसियों के लिए बड़ा झटका है. ये दोनों एजेंसियां पिछले सात साल से उसे भारत लाने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने चोकसी के खिलाफ सबूतों के अंबार खड़े किए, कई देशों की मदद ली, लेकिन अब इंटरपोल के इस फैसले से उनकी राह और कठिन हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी संपत्तियों को जब्त किया. लेकिन चोकसी खुद कह चुका है कि भारत छोड़ने से पहले उसके पास 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जो अब जब्त हो चुकी है और वह आर्थिक रूप से लगभग खाली हो चुका है.