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Operation Sindoor : भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में तबाह जैश और लश्कर के टेरर कैंप. Photograph: (Reuters / ANI)
Operation Sindoor destroyed terror infrastructure in Pakistan: भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान के बहावलपुर (Bahawalpur) और मुरीदके (Muridke) में चल रहे आतंकी ठिकानों को किस तरह से तबाह किया है, इसका खुलासा सैटेलाइट से ली गई कुछ तस्वीरों से हुआ है. हाल में सामने आई ये तस्वीरें बताती हैं कि भारत सेना ने आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइलों से कितने सटीक हमले किए हैं. इन हमलों से पहले और बाद में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों ने इस ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से ये आतंकवाद विरोधी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 बेगुनाहों की जान लेने वाले पाकिस्तान समर्थित बर्बर आतंकी हमले के जवाब में की है.
बहावलपुर का टेरर कैंप हुआ बर्बाद
सैटेलाइट इमेजरी से खुलासा हुआ है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख ऑपरेशनल मुख्यालय को निशाना बनाया. 'जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह' के नाम से संचालित इस टेरर कैंप की भारत के हमले से पहले की तस्वीरों में आतंकी ठिकाने और उसके आसपास की इमारतें पूरी तरह सलामत नजर आती हैं. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद की तस्वीरों में वहां मौजूद गुंबद में बड़े छेद, मलबा और ढही हुई दीवारें साफ नजर आती हैं. मक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा रिलीज की गई इन सैटेलाइट तस्वीरों को रॉयटर्स और एएनआई ने भी शेयर किया है.
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भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि "यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने निशाना बनाया." उन्होंने बताया कि बहावलपुर में पाकिस्तान की सीमा के अंदर लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित मर्कज़ सुभान अल्लाह 2015 से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुख्य ट्रेनिंग और ऑपरेशनल सेंटर रहा है. ये वही जगह है जहां से पुलवामा हमले जैसी बड़ी आतंकी साजिशों को अंजाम दिया गया था.
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जैश का प्रमुख आतंकी सरगना मसूद अजहर, अपने भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार समेत पूरे परिवार के साथ इसी ठिकाने पर रहता भी था. साथ ही यहां आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग भी दी जाती रही है. इसके साथ ही युवाओं को धर्म की आड़ में गुमराह करके आतंकवाद की तरफ धकेलने और भारत के खिलाफ भड़काने का सिलसिला भी इस जगह पर लंबे अरसे से चलाया जाता रहा है.
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मुरीदके में लश्कर के आतंकी अड्डे पर सीधा हमला
बहावलपुर की तरह ही आतंकी गिरोह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का गढ़ कहे जाने वाले मुरीदके पर भी ऑपरेशन सिंदूर का कहर बरपा है. यहां मौजूद ‘मार्कज़ तैयबा’ पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक से पहले की तस्वीरों में इस आतंकी ठिकाने का बड़ा कैंपस नजर आता है. जबकि हमले के बाद की तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि इस ठिकाने की कई इमारतें ढह चुकी हैं और कैंपस को भारी नुकसान हुआ है.
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कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि "यह ठिकाना पाकिस्तान की सीमा के अंदर 18 से 25 किलोमीटर की दूरी पर था और यहीं पर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी."
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मार्कज़ तैयबा लश्कर का सबसे महत्वपूर्ण टेरर ट्रेनिंग कैंप रहा है, जिसकी शुरुआत 2000 में की गई थी. यहां हर साल करीब 1000 लड़कों का ब्रेनवॉशन करने के साथ ही साथ उन्हें हथियार चलाने और आतंकवादी गतिविधियों की ट्रेनिंग देने का काम किया जाता रहा है. इतना ही नहीं, बताया जाता है कि इस टेरर कैंप के लिए अल-कायदा के मारे जा चुके सरगना ओसामा बिन लादेन ने 1 करोड़ रुपये दिए थे.
आतंकवाद के खिलाफ साफ है भारत का संदेश
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा. यह ऑपरेशन ना सिर्फ पाकिस्तान में आतंक के गढ़ों पर निर्णायक हमला है, बल्कि इसे जिस तरह सटीक सैन्य रणनीति के साथ अंजाम दिया गया है, उससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति और मजबूत हुई है.