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Pamban rail Bridge: तमिलनाडु में मंडपम रेलवे स्टेशन को रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से भारत के पहले वर्टिकल सस्पेंशन ब्रिज के जरिए जोड़ा गया है. (Image: PTI)
India's first vertical lift sea bridge in Tamil Nadu: तमिलनाडु में समंदर पर बने नए पंबन रेल ब्रिज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश को समर्पित किया. अपनी तरह का भारत ये अनोखा रेल ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है. नए पंबन रेल ब्रिज के शुभारंभ के मौके पर पीएम मोदी ने रामेश्वरम से तांबरम (चेन्नई) के लिए एक नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई और एक तटरक्षक जहाज़ को पुल के नीचे से गुज़रते हुए रवाना किया. इस दौरान पीएम मोदी ने रिमोट से पुल के उठने वाले हिस्से को चलाया. यह पुल रामेश्वरम जैसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल तक पहुंचने को और आसान बना देगा, जहां हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं.
रेलवे नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया. यह नया पुल उस 110 साल पुराने पंबन रेल ब्रिज की जगह बना है, जिसे 2022 में बंद कर दिया गया था. नया पंबन रेल ब्रिज आधुनिक तकनीक से बना है और इसमें इंजीनियरिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक महत्व भी जुड़ा हुआ है.
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नए पंबन रेल ब्रिज की खासियत
यह भारत का पहला वर्टिकल सी लिफ्ट ब्रिज है.
550 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत से बने इस नए पंबन रेल ब्रिज की लंबाई 2.078 किलोमीटर है.
करीब 2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल में 99 खंभे (स्पैन) और एक 72.5 मीटर लंबा हिस्सा यानी वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जिसे जरूरत पड़ने पर 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है. इससे ट्रेनें और जहाज़ दोनों आराम से एक-दूसरे के रास्ते में बिना अड़चन के चल सकते हैं.
नया पंबन रेल ब्रिज पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा बताया जा रहा है.
नए पंबन रेल ब्रिज की समुद्र तल से ऊचाई 15.5 मीटर है.
समुंद्री जहाज पास करने के लिए नए पंबन रेल ब्रिज को 17 मीटर तक ऊपर की ओर उठाया जा सकता है.
इस पुल को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील, खास तरह के पेंट और पूरी तरह वेल्डेड जोड़ इस्तेमाल किए गए हैं.
यह ब्रिज स्टेनलेस स्टील और मजबूत वेल्डिंग से बना है, जिससे इसे कम देखरेख की जरूरत होती है.
साथ ही, इसकी खास कोटिंग इसे समुद्र के नम माहौल में भी जंग से बचाती है.
यह ब्रिज न सिर्फ इंजीनियरिंग का कमाल है, बल्कि इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है. रामायण के मुताबिक, राम सेतु का निर्माण यहीं पास में धनुषकोडी से शुरू हुआ था. रामेश्वरम बंगाल की खाड़ी में स्थित एक द्वीप है, जो मुख्य भूमि से अलग है और भारत-श्रीलंका की समुद्री सीमा के पास है.
इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि, राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु और कई अन्य नेता मौजूद रहे. श्रीलंका यात्रा के बाद रामेश्वरम पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का भाजपा नेताओं और राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
नया पंबन रेल ब्रिज पिछले साल नवंबर में बनकर तैयार हो गया था. हाल ही में रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इसका निरीक्षण किया और अब इसे यात्री ट्रेनों के लिए हरी झंडी मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस ब्रिज का उद्घाटन किया. इससे पहले, रविवार को श्रीलंका से भारत लौटते समय प्रधानमंत्री मोदी ने रामसेतु के दर्शन किए. ‘एक्स’ पर किए एक वीडियो पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा - कुछ देर पहले श्रीलंका से लौटते समय मुझे आकाश से रामसेतु के दर्शन का सौभाग्य मिला. दैवीय संयोग से, यह उसी समय हुआ जब अयोध्या में सूर्य तिलक हो रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों के दर्शन पाकर धन्य हो गया. प्रभु श्रीराम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं. उनकी कृपा सदैव हम पर बनी रहे. मान्यता है कि भगवान राम और उनकी वानर सेना ने रावण का वध करने के लिए लंका जाने के वास्ते जो पुल बनाया था, रामसेतु उसी का हिस्सा है.