/financial-express-hindi/media/media_files/2025/10/11/pm-dhan-dhaanya-krishi-yojana-launched-by-pm-modi-2025-10-11-12-28-41.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 100 सबसे ज्यादा पिछड़े जिलों के किसानो के लिए 24000 करोड़ रुपये वाली पीएम धन धान्य कृषि योजना लॉन्च की. (Image: YT/@AgriGoI)
PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana Launched
जिलों का चयन कैसे हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि योजना के लिए 100 जिलों का चयन तीन मानकों पर किया गया है:
खेत से कितनी पैदावार होती है.
एक खेत में कितनी बार खेती होती है.
किसानों को लोन (KCC) या निवेश की सुविधा कितनी मिल रही है.
Also read : Bank Loan Fraud Case: बैंक लोन फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी के करीबी को ED ने किया अरेस्ट
जिले के मुखिया और किसान मिलकर करेंगे प्लानिंग
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पीएम धन धान्य कृषि योजना में 11 विभिन्न विभागों की खेती किसानी से जुड़ी प्रमुख 36 योजनाएं शामिल हैं. मिसाल के लिए प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन, सिंचाई के लिए पर ड्रॉर मोर क्रॉप अभियान है. तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए तिलहन मिशन है. ऐसी अनेक योजनाओं को एक साथ लाया जा रहा है. योजना में पशुधन पर भी खास जोर दिया जा रहा है. फूट एंड माउथ डिजीज यानी खुरपका-मुहपका जैसी बीमारियों से पशुओं बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके फ्री लगाए गए हैं. इससे पशु भी स्वस्थ हुए हैं और किसानों की चिंता भी कम हुई है. इसमें स्थानीय स्तर पर पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार अभियान भी चलाएगी.
एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की तरह पीएम धन धान्य कृषि योजना की जिम्मेदारी किसानों के साथ ही 100 सबसे पिछड़े जिलों के स्थानीय सरकारी कर्मचारियों और उस जिले के डीएम या कलेक्टर पर है. योजना की डिजाइन ऐसी है हर पिछड़े जिले की अपनी जरूरत के हिसाब से इसकी प्लानिग में बदलाव लाया जा सकता है. योजना के तहत आने वाले किसानों और संबंधित जिले के मुखिया से पीएम मोदी की अपील है कि पिछड़े जिले की जरूरत के हिसाब से कार्ययोजना बनानी है जो वहां की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल हो. यानी पिछले जिले में कौन सी फसल होगी, बीच की कौन सी वेराइटी लगेगी, कौन सी खाद कब उचित रहेगी. किसानों और जिला के मुखिया को मिलकर कार्ययोजना तैयार करेंगे. यानी किसानों और जिला प्रशासन को खेत और इलाके से हिसाब से प्लानिंग करनी है.
आसान भाषा में समझिए अब किसी जिले में भरपूर पानी की उपलब्धता है तो इस स्थिति को ध्यान रखकर फसलें लगाने की प्लानिंग करनी होगी, जो हो पाए. और कहीं पानी की कमी तो उन फसलों को लगाने का फैसला करना होगा, जो कम पानी में पैदा हो सके. और जिन इलाकों में खेती संभव नहीं वहां पशुपालन और मत्सपालन को बढ़ावा देना होगा. कुछ पिछड़े जिलों में मधुमक्खा पालन एक बेहतर विकल्प होगा. समुद्री इलाकों में सी विड फार्मिंग (sea weed farming) एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा - पीएम धन धान्य कृषि स्कीम तभी सफल होगी जब स्थानीय स्तर की जरूरतों के हिसाब से लागू की जाएगी और उसके लिए किसान और जिले के मुखिया द्वारा उचित प्लानिंग की जाएगी. प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया है कि युवा जिला अधिकारी किसानों के साथ मिलकर देश के 100 जिलों की खेती की तस्वीर बदलेंगे. जैसे ही योजना के तहत चयनिय 100 जिलों में खेती की तस्वीर बदलेगी, वहां रहने वाले किसानों के आमदनी भी बेहतर होगी.
100 जिलों के 1.7 करोड़ किसानों का होगा फायदा
पीएम धन धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे जिलों का चयन किया गया है, जहां खेती की संभावनाएं अच्छी हैं, लेकिन पैदावार और किसानों की आमदनी के मामले में ये पिछड़े हैं. इन जिलों के किसानों को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जानी हैं, जिससे सीधे तौर पर देश के करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा.
चालू वित्त वर्ष के बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम धन धान्य कृषि योजना शुरू करने की घोषणा की थी. 16 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री मोदी की अनुवाई वाली यूनियन कैबिनेट ने योजना को मंजूरी दी और आज से किसानों की बेहतरी के लिए योजना की शुरूआत हो चुकी है.
पीएम धन धान्य योजना की खासियत
पीएम धन धान्य कृषि योजना में 11 विभागों की 36 प्रमुख कृषि योजनाएं शामिल हैं, जैसे प्राकृतिक खेती से जुड़ी राष्ट्रीय मिशन, ड्रॉर मोर क्रॉप अभियान, तिलहन मिशन.
पशुपालन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. फूट एंड माउथ डिजीजजैसी बीमारियों से बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए गए हैं.
योजना की जिम्मेदारी किसानों, स्थानीय सरकारी कर्मचारियों और जिले के डीएम या कलेक्टर की होगी.
हर जिले की जरूरत के हिसाब से योजना में बदलाव किया जा सकेगा. किसानों और जिला प्रशासन को मिलकर मिट्टी और जलवायु के अनुसार फसल, खाद और खेती की योजना बनानी होगी.
पानी की उपलब्धता और इलाके की परिस्थितियों के अनुसार फसल, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और सीविड फार्मिंग जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योजना तभी सफल होगी जब इसे स्थानीय जरूरतों के हिसाब से लागू किया जाएगा, और युवा जिला अधिकारी किसानों के साथ मिलकर 100 जिलों की खेती की तस्वीर बदलेंगे. इससे किसानों की आमदनी में सुधार होगा और पिछड़े जिलों में कृषि का समग्र विकास होगा.