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Sebi Rules Big Update : सेबी ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव करके शेयर ब्रोकर्स को भारी राहत दी है. (File Photo : Reuters)
Sebi Gives Big Relief to Stock Brockers : देश के मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने स्टॉक ब्रोकर्स को बड़ी राहत देने वाला ऐलान किया है. सेबी ने स्टॉक ब्रोकर्स पर लागू होने वाले पेनाल्टी फ्रेमवर्क को रैशनलाइज और स्टैंडर्डाइज करने का फैसला लिया है. नए नियमों के तहत अब ब्रोकर्स पर लगने वाले जुर्मानों की संख्या और सख्ती दोनों कम हो जाएगी. सेबी ने यह एलान बिजनेस करने में आसानी (Ease of Doing Business) की दिशा में कदम आगे बढ़ाने के लिए किया है.
235 की जगह सिर्फ 90 मामलों में लगेगी पेनाल्टी
सेबी की नई व्यवस्था के तहत कुल 235 मौजूदा पेनाल्टी आइटम्स की समीक्षा की गई. इनमें से 40 पेनाल्टी को पूरी तरह हटा दिया गया, जबकि 105 छोटे प्रक्रियागत उल्लंघनों (procedural lapses) और तकनीकी गलतियों (technical errors) को ‘फाइनेंशियल डिसइन्सेंटिव’ (Financial Disincentive) के रूप में क्लासीफाई किया गया है. इसके बाद अब केवल 90 उल्लंघनों पर ही पेनाल्टी लागू होगी, जिन्हें इस प्रकार रैशनलाइज किया गया है :
36 पेनाल्टी में संशोधन किया गया.
7 मामलों में पहली गलती पर केवल चेतावनी या सलाह दी जाएगी.
6 मामलों में अधिकतम जुर्माने की सीमा तय की गई.
29 मामलों में कोई बदलाव नहीं किया गया.
12 नए पेनाल्टी प्रावधान जोड़े गए हैं.
हर मामले में नहीं होगा पेनाल्टी शब्द का इस्तेमाल
सेबी ने कहा है कि पेनाल्टी (Penalty) शब्द को अक्सर ‘कलंक’ या ‘सजा’ से जोड़ा जाता है, जिससे ब्रोकर्स की साख पर असर पड़ सकता है. इसलिए तकनीकी या प्रक्रियागत गलती के मामलों में अब ‘पेनाल्टी’ शब्द की जगह फाइनेंशियल डिसइनसेंटिव (Financial Disincentive) शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा.
इसके साथ ही सेबी ने यह भी स्पष्ट किया कि एक ही गलती के लिए अलग-अलग एक्सचेंजों द्वारा पेनाल्टी लगाने से बचा जाएगा. अब सेबी की व्यवस्था के अनुसार, लीड एक्सचेंज ही ऐसे मामलों में कार्रवाई करेगा, ताकि ब्रोकर्स को एक ही गलती के लिए कई जगह से सजा न मिले.
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पहली गलती पर सिर्फ चेतावनी, मैक्सिमम पेनाल्टी भी घटी
कई मामलों में जहां पहले सीधे फाइनेंशियल पेनाल्टी लगाई जाती था, वहां अब पहली गलती पर केवल एडवाइजरी या वार्निंग दी जाएगी. साथ ही, कई उल्लंघनों के लिए पेनाल्टी की रकम घटाई गई है और मैक्सिमम लिमिट तय की गई है.
मौजूदा मामलों में भी लागू होंगे नए नियम
एक बड़ी राहत यह भी है कि सेबी के अनुसार यह नया पेनाल्टी फ्रेमवर्क एनफोर्समेंट के मौजूदा यानी अभी चल रहे मामलों (ongoing enforcement proceedings) पर भी लागू होगा. इसका मतलब है कि जिन मामलों में अभी जांच चल रही है, उनमें भी ब्रोकर्स को राहत मिलेगी.
सामूहिक प्रतिवेदन मंच से घटेगा कंप्लायंस बोझ
सेबी ने यह भी बताया कि ‘सामूहिक प्रतिवेदन मंच (Samuhik Prativedan Manch - SPM)’ नाम का एक नया तकनीकी प्लेटफॉर्म भी शुरू किया गया है, जो अब स्टॉक ब्रोकर्स को एक ही एक्सचेंज पर अपनी रिपोर्ट फाइल करने की सुविधा देगा. इस सुविधा के पहले फेज को 1 अगस्त 2025 को ही लागू किया जा चुका है, जिसमें 40 कंप्लायंस रिपोर्ट फाइल की सुविधा दी गई है. अब दूसरा फेज़ 15 अक्टूबर 2025 को शुरू होगा, जिसमें 30 और कंप्लायंस रिपोर्ट्स को फाइल करने की सुविधा जोड़ी जाएगी.