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पीएम किसान योजना : हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री की ओर से दिए गए बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही यूपी, बिहार समेत 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 9 करोड़ से ज्यादा किसानों को 21वीं किस्त मिलेगी.(Image: X)
PM Kisan Yojana 21st Installment will released soon: पीएम किसान योजना के तहत आमतौर पर हर चार महीने के अंतराल पर लाभार्थी किसानों को 2,000 रुपये की किस्त मिलती है. योजना में आखिरी यानी 20वीं किस्त के तहत देशभर के कुल 9,71,33,502 किसानों के खातो में 20,843.44 करोड़ रुपये भेजे गए थे. इसके बाद एडवांस में अगली यानी 21वीं किस्त की राशि भी सरकार ने बाढ़ प्रभावित कुछ राज्यों जैसे पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के लाभार्थी किसानों के खातो में सितंबर-अक्टूबर 2025 के दौरान भेजे हैं लेकिन अभी भी किसानों की बहुत बड़ी आबादी, जो करीब 9 करोड़ 35 लाख से ज्यादा है, को 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है.
हाल ही में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दिए गए बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल समेत 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातो में 2000-2000 रुपये की किस्त मिलेगी.
पीएम किसान योजना (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत चार राज्यों के कुल 35,54,654 लाभार्थी किसानों के खातों में 21वीं किस्त के पैसे भेजे गए जबकि 20वीं किस्त के तहत इन राज्यों में कुल 36,57,437 किसानों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. आंकड़ों के हिसाब से 20वीं किस्त की तुलना में चारो राज्यों में कुल मिलाकर योजना के लाभार्थियों की संख्या 1,02,783 कम हो गई.
| राज्य | 21वीं किस्त के लाभार्थी | ट्रांसफर अमाउंट (करोड़ रुपये) | 20वीं किस्त के लाभार्थी | ट्रांसफर अमाउंट (करोड़ रुपये) | कितने कम हुए लाभार्थी | 
| पंजाब | 11,09,895 | 221.98 | 11,34,567 | 387.76 | 24,672 | 
| जम्मू-कश्मीर | 8,54,586 | 1,71 | 8,73,673 | 182.71 | 19,087 | 
| हिमाचल | 8,01,045 | 160.21 | 8,29,996 | 174.94 | 28,951 | 
| उत्तराखंड | 7,89,128 | 157.83 | 8,19,201 | 182.10 | 30,073 | 
| कुल | 35,54,654 | 711.02 | 36,57,437 | 927.51 | 1,02,783 | 
2000 रुपये न मिलने की क्या हो सकती है वजह?
आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कृषि विभाग ने पीएम किसान योजना के तहत कुछ संदिग्ध लाभार्थियों की पहचान की है, जो योजना की बहिष्करण श्रेणी (Exclusion Criteria) में आ सकते हैं. इनमें प्रमुख रूप से ये मामले शामिल हैं.
- वे किसान, जिन्होंने 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन अपने नाम कराई है
- ऐसे परिवार, जिनके एक से अधिक सदस्य योजना का लाभ ले रहे हैं जैसे पति-पत्नी दोनों, या एक वयस्क सदस्य और एक नाबालिग सदस्य को एक साथ लाभ मिलना.
ऐसे सभी मामलों में 2000 रुपये की किस्त को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, जब तक कि फिजिकल वेरीफिकेशन पूरा नहीं हो जाता. कृषक अपने आवेदन की स्थिति और पात्रता की जानकारी के लिए पीएम किसान( PM KISAN) योजना की आधिकारिक वेबसाइट के “Know Your Status (KYS)” सेक्शन, PM-KISAN मोबाइल ऐप, या किसान ई-मित्र चैटबॉट (Kisan eMitra) पर जाकर चेक कर सकते हैं.
जल्द निपटा लें ये जरूरी काम
जिन किसानों को योजना के तहत 21वीं किस्त के पैसे नहीं मिले हैं, वे जल्द से जल्द जरूरी औपचारिकताएं जैसे बैंक खाते को आधार कार्ड से लिंक, आधार से लिंक बैंक खाते में डीबीटी विकल्प एक्टिव, ई-केवाईसी, आधार सीडिंग और लैंड वेरिफिकेशन पूरी करें ताकि अगली किस्त का लाभ वक्त पर मिल सके. 2000 रुपये की किस्त के लिए इंतजार न करना पड़े
पीएम किसान के लिए कौन नहीं पात्र
पीएम किसान योजना का लाभ सिर्फ छोटे और मध्यम किसानों को दिया जाता है. सरकार, राजनीति, ऊंचे पदों, या अधिक आय वाले लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं. पीएम-किसान योजना से किन लोगों को बाहर रखा गया है और वे कौन किसान परिवार या व्यक्ति हैं, जो इस योजना के पात्र नहीं हैं नीचें डिटेल देखें
वे किसान परिवार जिनके किसी सदस्य का नाम नीचे दी गई कैटेगरी में आता है
- जो कभी संवैधानिक पद पर रहे हों या वर्तमान में हैं (जैसे राष्ट्रपति, राज्यपाल, न्यायाधीश आदि)
- जो कभी या वर्तमान में मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद (लोकसभा या राज्यसभा), विधायक, विधान परिषद सदस्य, महापौर (Mayor) या जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हों
- जो वर्तमान में या पहले केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारी या कर्मचारी रहे हों. इसमें मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSEs), स्वायत्त संस्थाओं और स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी शामिल हैं.
लेकिन चतुर्थ श्रेणी यानी ग्रुप डी या मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) इसमें शामिल नहीं हैं यानी वे पात्र हैं.
सभी संस्थागत भूमिधारी (Institutional Land Holders) यानी ऐसी जमीन जो किसी संस्था, संगठन या कंपनी के नाम पर हो, न कि किसी व्यक्ति के नाम पर.
जो रिटायर्ड कर्मचारी या पेंशनर्स हैं और जिनकी मंथली पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है. यहां भी MTS और Group D कर्मचारियों को छूट है.
जो टैक्सपेयर्स हैं
पेशेवर लोग (Professionals) जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, या आर्किटेक्ट, जो अपने पेशे का अभ्यास कर रहे हैं और किसी प्रोफेशनल संस्था में रजिस्टर्ड हैं.
रजिस्ट्रेशन और पेमेंट से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान
पीएम किसान योजना में किसानों का पंजीकरण लगातार जारी रहता है यानी किसान कभी भी इस योजना में आवेदन कर सकते हैं.
किसान PM-KISAN पोर्टल, PM-KISAN मोबाइल ऐप, या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से खुद को रजिस्टर कर सकते हैं.
किसानों के सभी आवेदन राज्य या केंद्र शासित प्रदेश (UT) की सरकार द्वारा सत्यापन (verification) के बाद मंजूर किए जाते हैं.
अगर किसी किसान ने जरूरी दस्तावेज या जानकारी पूरी नहीं दी, तो उसका आवेदन राज्य व केंद्रशासित प्रदेश सरकार द्वारा अस्वीकृत (reject) किया जा सकता है.
आवेदन के मंज़ूर होते ही, कृषि मंत्रालय (Department of Agriculture) लाभ की प्रक्रिया तुरंत शुरू करता है, और किसान को राशि अगली किस्त में मिल जाती है.
बात करें पेमेंट की तो योजना के तहत लाभ की राशि किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है.
भुगतान राज्य सरकारों द्वारा सत्यापित डेटा के आधार पर किया जाता है, जो PM-KISAN पोर्टल पर अपलोड किया जाता है.
किसानों के पंजीकरण और योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता (efficiency) लाने के लिए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं, जैसे PFMS (Public Financial Management System) से एकीकरण, UIDAI (आधार डेटा) से लिंक, आयकर विभाग (Income Tax Department) से डेटा सत्यापन. इसके साथ ही, भूमि रिकॉर्ड (Land Seeding) को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है.
भुगतान अब आधार आधारित ई-केवाईसी (e-KYC) प्रणाली से होता है. जिन किसानों ने इन अनिवार्य शर्तों (जैसे e-KYC या भूमि लिंकिंग) को पूरा नहीं किया, उनके भुगतान अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं. जैसे ही किसान ये शर्तें पूरी कर देते हैं, उन्हें बकाया किस्तों सहित लाभ राशि जारी कर दी जाती है.
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