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Independence Day : पीएम मोदी ने कहा कि 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण ठिकानों को आधुनिक तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस किया जाएगा. (iamge x.com)
Mission Sudarshan Chakra : स्वतंत्रता दिवस 2025 के मौके पर लाल किले से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने “मिशन सुदर्शन चक्र” की घोषणा की है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पाक से टकराव का भी जिक्र करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को विस्तार करने के लिए के लिए मिशन सुदर्शन चक्र का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि यह मिशन दुश्मन की रक्षा पंक्ति में सेंध लगाने के प्रयासों को नाकाम करने और ज्यादा ताकत के साथ जवाबी हमला करने के लिए तैयार किया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर और आक्रामक रणनीति अपनाएगा, ताकि किसी भी घुसपैठ या खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सके. बता दें कि भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मना रहा है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 12 वीं बार देश को संबोधित किया.
क्या है मिशन सुदर्शन चक्र
पीएम मोदी ने कहा कि 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों सामरिक ठिकानों से लेकर अस्पताल, रेलवे स्टेशन और आस्था के केंद्रों तक को एक आधुनिक तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस किया जाएगा. इससे हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके.
सुरक्षा कवच का विस्तार, केवल सेना ही नहीं, बल्कि सिविल सेक्टर भी इस सुरक्षा दायरे में आएगा. उद्देश्य है कि देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, चाहे खतरा साइबर, ड्रोन, मिसाइल या किसी अन्य रूप में क्यों न हो. सुरक्षा कवच लगातार विस्तारित और अपडेट होता रहेगा.
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श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित
पीएम मोदी ने बताया कि यह मिशन भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जिसने महाभारत में निर्णायक भूमिका निभाई थी. यह वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को तुरंत निष्क्रिय करेगा.साथ ही, कई गुना तेज पलटवार करने की क्षमता रखेगा.इसका निशाना सटीक होगा और हमला पूरा करने के बाद यह वापस लौट आएगा, बिलकुल पौराणिक सुदर्शन चक्र की तरह.
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पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा कवच
मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिसर्च तक सब कुछ देश में और देश के विशेषज्ञों द्वारा होगा. वॉरफेयर स्ट्रैटेजी के तहत प्लस वन नीति अपनाई जाएगी. हर लक्ष्य के साथ एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ी जाएगी. सिस्टम को नई तकनीकों का मुकाबला करने के लिए अपग्रेडेबल बनाया जाएगा, ताकि भविष्य के खतरों से भी निपटा जा सके.