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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है. (Image: PTI)
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की. धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार शाम को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया. अपने पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने की बात कहते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की घोषणा की थी.
धनखड़ के इस्तीफे पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
मंगलवार को एक्स पर किए पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2025
श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
74 साल के धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. हाल ही में एम्स दिल्ली में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी, और मार्च 2025 में भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. कांग्रेस ने उनके स्वास्थ्य कारणों को लेकर संदेह जताया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस्तीफे के पीछे कुछ "गंभीर और गहरे कारण" हो सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रीजीजू की अनुपस्थिति ने उपराष्ट्रपति को "अस्वस्थ महसूस" कराया होगा.
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सफाई दी कि उपराष्ट्रपति कार्यालय को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि वह और रीजीजू बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. BAC बैठक इस्तीफे से कुछ ही देर पहले बुलाई गई थी.
राज्यसभा की जिम्मेदारी अब हरिवंश के पास
धनखड़ राज्यसभा के पदेन सभापति थे और आमतौर पर कार्यवाही की अध्यक्षता करते थे. उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की. संसद का यह मानसून सत्र पहले ही विपक्ष और सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर तनाव में है, ऐसे में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति इस्तीफा दे सकते हैं, जिसे राष्ट्रपति को लिखित रूप में देना होता है. धनखड़ का इस्तीफा अब औपचारिक रूप से स्वीकार हो चुका है. नियमों के मुताबिक, अब 6 महीने के भीतर नया उपराष्ट्रपति चुना जाएगा. तब तक राज्यसभा के उपसभापति सदन की कार्यवाही संभालते रहेंगे.