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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने देश को चौंकाया, विपक्ष ने कहा-अचानक क्यों उठाया ये कदम

जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया. कांग्रेस ने कहा कि स्पष्ट रूप से, उनके अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है.

जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया. कांग्रेस ने कहा कि स्पष्ट रूप से, उनके अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है.

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FE Hindi Desk
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vice president jagdeep dhankhar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. (Image: PTI)

VP Jagdeep Dhankhar resign: देश की राजनीति में सोमवार को उस वक्त हलचल मच गई जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. उनके इस फैसले ने न सिर्फ सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया, बल्कि आम नागरिक भी हैरान रह गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.

उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफे पर विपक्ष ने उठाया सवाल

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने पर विपक्षी दलों ने सोमवार को सवाल उठाया. कांग्रेस ने कहा कि स्पष्ट रूप से, उनके अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाने का आग्रह किया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा देना जितना चौंकाने वाला है, उतना ही समझ से परे भी. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, लेकिन स्पष्ट रूप से उनके पूरी तरह से अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक कुछ है. हालांकि, यह अटकलों का समय नहीं है.

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रमेश ने कहा, "धनखड़ ने सरकार और विपक्ष, दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया. उन्होंने मंगलवार दोपहर एक बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक तय की थी. वह 22 जुलाई यानी आज न्यायपालिका से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं भी करने वाले थे." कांग्रेस महासचिव ने कहा, "हम उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं, लेकिन उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध करते हैं. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाएंगे. यही देशहित में होगा. विशेषकर कृषक समुदाय को काफी राहत मिलेगी."

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए कहा कि उन्होंने "चिकित्सीय कारणों" का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद पी संदोष कुमार ने कहा कि यह घटनाक्रम बिल्कुल अप्रत्याशित है और "हमें नहीं पता कि इसके क्या कारण हैं." कुमार ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति इसे स्वीकार करेंगी. यह उनकी (धनखड़ की) ओर से शुरुआती प्रतिक्रिया हो सकती है. हो सकता है कि वह कुछ घटनाक्रम से असंतुष्ट हों."

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने धनखड़ को देशभक्त बताते हुए कहा कि चूंकि, उन्होंने (धनखड़ ने) अपने फैसले के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, इसलिए इसे स्वीकार किया जाना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिब्बल ने कहा कि धनखड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर इस्तीफा दिया है और इस पर आगे कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा, ‘‘हमें इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा. निजी तौर पर, मुझे अच्छा नहीं लगा. उनके साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं. कोई बुरी भावना नहीं है. वो अपनी बात कह देते थे, दिल में बात नहीं रखते थे. हालांकि, हमारी विचारधाराएं मिलती नहीं थीं, पर वह कभी दिल में बात नहीं रखते थे. जब मैं राज्यसभा में बोलने के लिए अधिक समय चाहता था, तो वह मुझे अधिक समय देते थे.’’

धनखड़ के इस्तीफे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता वारिस पठान ने कहा, "मैंने देखा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. उन्होंने इसके लिए चिकित्सा कारण बताए हैं. हम केवल प्रार्थना कर सकते हैं कि उनके स्वास्थ्य में जल्दी सुधार हो...."

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शिवसेना (उबाठा) नेता आनंद दुबे ने कहा, "उपराष्ट्रपति के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने की खबर चिंताजनक है. हम उनकी कुशलता की कामना करते हैं. लेकिन, एक सवाल उठता है कि आज मानसून सत्र का पहला दिन था और उसी दिन उनका इस्तीफा देना चिंताजनक है." उन्होंने कहा, "इस सरकार में क्या चल रहा है? यह फैसला बिना किसी उचित परामर्श या चर्चा के लिया गया. अगर स्वास्थ्य ही चिंता का विषय था, तो इस्तीफा सत्र से कुछ दिन पहले या बाद में भी दिया जा सकता था."

राज्यसभा के सभापति धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया. हाल में उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंजियोप्लास्टी हुई थी और इस वर्ष मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ अवसरों पर उनकी हालत ठीक नहीं दिखी थी, लेकिन संसद सहित सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह अक्सर ऊर्जावान ही दिखे.

राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था. उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था. वह वीवी गिरि और आर वेंकटरमन के बाद कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं. गिरि और वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. नियमों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए अगले छह महीनों के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है. हालांकि, राज्यसभा के उपसभापति नये उपराष्ट्रपति के निर्वाचित होने तक सदन की कार्यवाही संचालित कर सकते हैं. 

2027 तक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का था कार्यकाल

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति का इस्तीफा देना असाधारण माना जा रहा है क्योंंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. 74 साल के धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था.

Jagdeep Dhankhar