/financial-express-hindi/media/media_files/2025/10/01/pm-modi-releases-new-rs-100-coin-2025-10-01-12-45-40.jpg)
RSS 100 years : 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की छवि और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. (PMO India X)
RSS 100 years commemorative coin : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 1 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर विशेष रूप से डिजाइन किए गए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया है. यह डाक टिकट और सिक्का देश के प्रति आरएसएस के योगदान को दर्शाने के लिए जारी किया गया है. 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की छवि और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. पीएम ने कहा कि भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है.
सिक्के और डाक टिकट की खासियत
100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की छवि और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम भी अंकित है. यह स्मारक सिक्का शुद्ध चांदी का है और इसका मूल्यवर्ग 100 रुपये है.
वहीं विशेष डाक टिकट में उन राहत कामों को भी दर्शाया गया है, जिन्हें आरएसएस प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की मदद के लिए अंजाम देता है. प्रधानमंत्री की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम का शीर्षक रखा गया है- मातृभूमि की सेवा के लिए सदा समर्पित’. कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया.
उन्होंने (PM Modi) कहा कि आज वह विशेष स्मृति डाक टिकट जारी हुआ है, उसकी भी एक महत्ता है. हम सभी जानते हैं कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की कितनी अहमियत होती है. 1963 में आरएसएस के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए थे और उन्होंने आन बान शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था. इस टिकट में उसी ऐतिहासिक क्षण की स्मृति है.
RBI MPC Live Updates : आरबीआई ने रेपो रेट 5.50% पर रखा बरकरार, FY26 के लिए बढ़ाया GDP ग्रोथ अनुमान
महानवमी पर RSS के 100 साल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस की नींव एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में रखी थी, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था. पीएम मोदी ने कहा कि आज महानवमी है. मैं देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं. कल विजयादशमी का महापर्व है. अन्याय पर न्याय की जीत का पर्व है. अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है. ऐसे महान पर्व पर 100 साल पहले RSS की स्थापना हुई. ये कोई संयोग नहीं था.
प्रधानमंत्री कार्यालय की आरे से कहा गया कि आरएसएस को भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए जनता से जुड़ा एक अनोखा आंदोलन माना जाता है. इसका उदय विदेशी शासन के लंबे दौर के बाद हुआ और इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण भारत की राष्ट्रीय गौरव भावना से गहरा जुड़ाव है. संघ का मूल उद्देश्य देशभक्ति और राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण है.