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Aunta-Simaria bridge: पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ने वाला औंटा–सिमरिया ब्रिज अब पुराने 2 लेन राजेंद्र सेतु की जगह लेगा. (Image: YT/@NarendraModi)
Aunta Simaria Bridge in Gaya Bihar : बिहार का इंतजार खत्म हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने आज गंगा पर बने एशिया के सबसे चौड़े 6-लेन औंटा-सिमरिया पुल (Aunta-Simaria bridge) का उद्घाटन किया. 1.86 किलोमीटर लंबे और 1,870 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच की दूरी 100 किलोमीटर तक घटा देगा. नेशनल हाइवे-31 पर बना यह पुल यात्रा को आसान बनाने के साथ ही व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार देगा.
पुराने पुल की जगह नई लाइफलाइन
यह नया पुल पुराने और जर्जर हो चुके राजेंद्र सेतु के बगल में बनाया गया है. पुराना पुल दशकों से इस इलाके की लाइफलाइन था. साल 1959 में बने इस पुराने पुल पर अब भारी वाहनों की आवाजाही बंद हो चुकी है. नए औंटा-सिमरिया पुल से अब भारी वाहनों को 100 किमी से अधिक का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.
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नए औंटा-सिमरिया ब्रिज की खासियतें
लागत और लंबाई
1,870 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस पुल की लंबाई 1.86 किमीटर है. इसे भारत का सबसे चौड़ा एक्स्ट्राडॉस केबल-स्टेयड ब्रिज बताया जा रहा है.
चौड़ाई
इसकी चौड़ाई 34 मीटर है, जो इसे एशिया का सबसे चौड़ा छह-लेन वाला पुल बनाती है.
एडवांस इंजीनियरिंग
यह पुल बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र में बना है, लेकिन आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक 'एक्स्ट्राडॉस' का उपयोग करके इसे मजबूती से बनाया गया है.
आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा
यह पुल बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी और पूर्णिया जैसे उत्तरी जिलों को पटना, शेखपुरा, नवादा और लखीसराय जैसे दक्षिणी जिलों से जोड़ेगा. बताया जा रहा है कि नए पुल से उत्तरी बिहार में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जो अक्सर कच्चे माल के लिए दक्षिण बिहार और झारखंड पर निर्भर रहता है.
बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस प्रोजेक्ट को एक "मील का पत्थर" बताया है. उन्होंने कहा कि यह बिहार के विकास में एक नया अध्याय लिखेगा. इसके अलावा, यह पुल प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल सिमरिया धाम तक पहुंच को भी आसान बनाएगा, जो कि कवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली है. बिहार के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस पुल को राज्य की प्रगति का प्रतीक बताया.