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ESIC Benefits without Aadhaar Authentication: किसी भी लाभार्थी का ESIC बेनिफिट केवल इस वजह से रोका नहीं जाएगा कि उसने आधार ऑथेंटिकेशन नहीं कराया है. (Express Archive)
No denial of ESIC benefits without Aadhaar authentication: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) लाभार्थियों की पहचान के लिए आधार ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करेगा, लेकिन किसी भी लाभार्थी का ESIC बेनिफिट केवल इस वजह से रोका नहीं जाएगा कि उसने आधार ऑथेंटिकेशन नहीं कराया है. यह बात हाल ही में केंद्र सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने साफ की है. सरकार ने ESIC लाभार्थियों की पहचान के लिए आधार ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल इसलिए शुरू किया है, ताकि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ बेहतर और ज्यादा ट्रांसपेरेंट तरीके से पहुंचाया जा सके. लेकिन सरकार का यह भी कहना है कि आधार ऑथेंटिकेशन पूरी तरह से ऑप्शनल है.
आधार के अलावा ये दस्तावेज भी काम आएंगे
मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी लाभार्थी ने आधार ऑथेंटिकेशन (Aadhaar authentication) नहीं कराया है या नहीं कराना चाहता है, तो उसके लिए दूसरे ऑप्शन भी दिए गए हैं. ऐसे मामलों में लाभार्थी के पासपोर्ट, पैन कार्ड (Pan Card) या ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) को भी पहचान पत्र के तौर पर स्वीकार किया जाएगा. सरकार के इस स्पष्टीकरण के बाद अब इस तरह की आशंकाएं खत्म हो जाएंगी कि आधार ऑथेंटिकेशन नहीं कराने पर उनका ESIC बेनिफिट छिन जाएगा.
इस तारीख से लागू है नया नोटिफिकेशन
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस बारे में लेटेस्ट जानकारी देने वाला नोटिफिकेशन 19 अगस्त 2025 को जारी किया है. इसमें कहा गया है, “कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) को यह अनुमति दी जाती है कि वह आधार नंबर का इस्तेमाल पहचान स्थापित करने के लिए ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया में कर सके और इसे आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत लागू किया जाए.”
साथ ही इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी लाभार्थी से आधार ऑथेंटिकेशन कराने से पहले उसकी सहमति लेना जरूरी होगा. यह नियम उसी दिन (यानी 19 अगस्त 2025) से लागू हो गया है, जिस दिन इसे गजट में प्रकाशित किया गया.
आधार क्यों है अहम?
आधार नंबर पहचान साबित करने का एक आसान और भरोसेमंद तरीका है. इसके इस्तेमाल से लोगों को सब्सिडी, लाभ और सेवाएं आसानी से मिल जाती हैं. कई तरह के दस्तावेज ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती और प्रक्रिया तेज व पारदर्शी हो जाती है.
नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के बेहतर मैनेजमेंट और सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन जरूरी है. इसका मकसद केवल असली और एलिजिबल लाभार्थियों को ही सामाजिक सुरक्षा का लाभ देना है.
SPREE 2025 स्कीम
पीआईबी की 18 अगस्त 2025 की प्रेस रिलीज के मुताबिक ESIC ने एक नई योजना शुरू की है जिसका नाम है स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ द रजिस्ट्रेशन ऑफ द एंप्लायर्स एंड एंप्लाईज (SPREE) 2025. यह स्कीम 1 जुलाई 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक चलेगी. इसका उद्देश्य है उन एंप्लॉयरओं और कर्मचारियों को कवरेज देना, जो अब तक ESIC के दायरे से बाहर थे.
इसके साथ ही ESIC ने एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme 2025) को भी मंजूरी दी है. 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू इस स्कीम में विवादों को निपटाने का मौका दिया जाएगा. इस स्कीम का मकसद कानूनी विवादों को कम करना और ESI Act 1948 के तहत कंप्लायंस को बढ़ावा देना है.
SPREE 2025 के तहत क्या मिलेगा?
इस योजना के तहत एंप्लॉयर अपने यूनिट और कर्मचारियों को ESIC पोर्टल और श्रम सुविधा पोर्टल पर डिजिटल तरीके से रजिस्टर करा सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन उसी तारीख से वैध माना जाएगा, जो एंप्लॉयर घोषित करेगा.
रजिस्ट्रेशन से पहले की अवधि के लिए कोई योगदान या लाभ लागू नहीं होगा.
रजिस्ट्रेशन से पहले के समय के लिए न तो कोई निरीक्षण होगा और न ही पुराने रिकॉर्ड की मांग की जाएगी.