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हरियाणा पंजाब से सटे शंभू बॉर्डर पर ड्रोन की मदद से किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ती हरियाणा पुलिस. 14 फरवरी, मंगलवार (Image:Indian Express)
Farmers ‘Delhi Chalo’ Protest Updates: एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों के बीच से एक युवा के मौत की खबर आई है. 13 फरवरी से जारी किसान आंदोलन के नौवें दिन हरियाणा पंजाब से सटे शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा छोड़ी जा रही आंसू गैस के गोले से खनोरी बॉर्डर पर कथित तौर एक किसान के सिर में चोट लगने से मौत हो गई. मौत के कारण जाने के लिए इंतजार करना होगा. मृतक पंजाब के बठिंडा जिले (Bathinda district) का बताया गया है.
किसान के मौत पर पत्रण अस्पताल (Patran hospital) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि देखने से लगता है कि उनकी मौत गोली लगने से हुई है. पोस्टमार्टम के लिए मृतक किसान के शव को पटियाला राजिंदरा अस्पताल (Rajindra Hospital) ले जाया गया है. खनोरी बार्डर पर सिर में चोट लगने से हुई मौत पर अंतिम फैसला पोस्टमार्टम रिपार्ट सामने आने के बाद हो सकेगा.
खनोरी बॉर्डर पर मरने वाले किसान की पहचान
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक खनोरी बॉर्डर पर मरने वाले किसान की पहचान शुभकरण सिंह (Shubhkaran Singh) के रूप में हुई है. मृतक की उम्र 21 से 22 साल के बीच बताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट में इस युवा के उम्र को लेकर अलग-अलग दावे हैं. शुभकरण सिंह पंजाब के बठिंडा जिले (Bathinda district) के बल्लो गांव (Ballo village) का रहने वाला था. उसके पिता का नाम चरणजीत सिंह (Charanjeet Singh) बताया गया है.
पहले भी एक किसान की हो चुकी है मौत
इससे पहले, शुक्रवार 16 फरवरी को हरियाणा पंजाब से सटे शंभू बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई थी. पंजाब के गुरदासपुर जिले (Gurdaspur) के रहने वाले ज्ञान सिंह (Gyan Singh) के मौत की वजह हार्ट अटैक (heart attack) बताई गई. इसी शुक्रवार तड़के जान गवाने वाले 65 वर्षीय ज्ञान सिंह का परिवार गुरदासपुर जिले के चाचेकी गांव में रहता है. प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान द इंडियन एक्सप्रेस को मृतक के परिजन जगदीश सिंह (Jagdish Singh) ने बताया कि शंभू बैरियर स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर पांच अन्य किसानों के साथ 65 वर्षीय ज्ञान सिंह एक ट्रॉली में सो रहे थे. शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे उन्होंने बेचैनी महसूस होने की जानकारी दी. पटियाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने मौत की पुष्टि की. डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार किसान की मौत हृदय गति रुकने से हुई.
आंखों की रोशनी भी गवा चुंके हैं 3 किसान
इस बार के किसान आंदोलन में तीन किसानों के आंखों की रोशनी चले जाने की खबरें आ चुकी है. पिछले हफ्ते पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने अपने एक बयान में कहा था कि कम से कम तीन किसानों की आंखें की रोशनी चली गई हैं. किसानों के आंदोलन को रोकने आए दिन पुलिस वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले इस्तेमाल कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर गोलियों और पैलेट गन भी इस्तेमाल किए जा चुके हैं. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के बयान के मुताबिक कम से कम एक दर्जन किसानों को पैलेट गन से चोटें आई हैं. बता दें कि डॉ बलबीर सिंह मंत्री बनने से पहले आंखों के सर्जन रह चुके हैं.