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राजस्थान में किसके सिर सजेगा ताज? रविवार को होगा फैसला, राज्य की इन हाई प्रोफाइल सीटों पर होगी नजर

Rajasthan Election 2023 Results : तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से सभी केंद्रों पर मतपत्र और 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू हो जाएगी.

Rajasthan Election 2023 Results : तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से सभी केंद्रों पर मतपत्र और 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू हो जाएगी.

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Mithilesh Kumar
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CM Ashok Gehlot Vasundhara Raje

Rajasthan Election 2023 Results : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 की मतगणना के लिए मतगणना केंद्रों पर माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.

Rajasthan Election 2023 Results : राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हो चुके हैं. अब लोगों को चुनावी नजीजों का बेसब्री से इंतजार है. कल यानी 3 दिसंबर रविवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और कल के ही दिन सभी विधानसभा सीटों के नतीजे आने की उम्मीद है. इन बार राज्य के सियासी मैदान में कुल 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं.

राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में माना जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव को राज (सरकार) और 'रिवाज" बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है. एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा. भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस 'रिवाज' से बड़ी उम्मीद है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह 'रिवाज' बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी. 

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30 नवंबर को आए चुनाव बाद के पूर्वानुमानों के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी, दोनों को सरकार बनाने की उम्मीद है. जहां अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है, तीन एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है. रविवार को मतगणना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मतदाताओं ने अशोक गहलोत सरकार के कामकाज, उसकी चर्चित लोककल्याणकारी योजनाओं और सात गारंटी के वादे पर भरोसा जताया या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जादू' और भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे ने उन्हें प्रभावित किया. 

राज्‍य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है. इस बार राजस्थान के चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कई दिग्गज हैं. अब देखना ये है कि राजस्थान की सत्रा किसे मिलती है. कुछ ही घंटे बाद वोटों की गिनती शुरू होगी. वोटों की गिनती के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा प्रदेश की हॉई प्रोफाइल सीटों की होनी है. एक नजर देखते हैं राजस्थान की हॉट सीटों के बारे में. इन सीटों पर प्रमुख चेहरा कौन है? सीट चर्चा में क्यों? आइये जानते हैं सब कुछ..

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सरदारपुरा

राजस्थान में सरदारपुरा सीट सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. प्रदेश के बाहर भी लोगों की नजर इस सीट पर है. यहां से राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत मैदान में हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के महेंद्र सिंह राठौड़ से है. सरदारपुरा सीट से छह बार विधानसभा चुनाव सीएम गहलोत जीत चुके हैं. वह पहली बार 1977 विधानसभा में यहां से जीत हासिल की थी, इसके बाद 1999, 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में सरदारपुरा से चुनाव जीते. इस बार फिर उन्हें जनता अपना नेता बनाने के लिए 25 नवंबर को मतदान किया. कल यानी रविवार को वोटों की गिनती होगी. कुछ ही घंटों बाद देखना दिलचस्प होगा कि सरदारपुरा की जनता ने किसके सिर पर ताज सजाया है.

टोंक

राजस्थान की टोंक सीट पर भी काफी सुर्खियों में है. यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट चुनाव मैदान में हैं. उनका सामना बीजेपी के अजीत सिंह मेहता से है. पायलट ने 2018 में पहली बार टोंक से ताल ठोंका था और यहां से जीत हासिल की थी, इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्य का डिप्टी सीएम भी बनाया. वहीं अजीत सिंह मेहता 2013 से 2018 तक टोंक के विधायक रह चुके हैं. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि मेहता टोंक में फिर एक बार कमल खिला सकते हैं. हालांकि 1998, 2003 और 2008 में टोंक से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.

झालरापाटन

राजस्थान की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक झालरापाटन भी है. यहां से बीजेपी की कद्दवार नेता और राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे मैदान में हैं. राजे 2003 से लगातार झालरापाटन से विधायक हैं और पांचवीं बार इस सीट पर ताल ठोक रही हैं. झालरापाटन को बीजेपी का गढ़ माना जाता है जिसे कांग्रेस वसुंधरा राजे के चुनाव लड़ते कभी भेद नहीं पाई. 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो राजे को यहां 1,16,484 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस ने राजे को टक्कर देने के लिए सौंधिया राजपूत रामलाल चौहान (पिड़ावा) को उम्मीदवार बनाया है. पिड़ावा क्षेत्र में सौंधिया राजपूत समाज के वोटर अधिक होने से जातिगत समीकरण को देखते हुए कांग्रेस ने रामलाल चौहान को टिकट दिया है.

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