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Congress wins Karanpur assembly election:राजस्थान के करणपुर में बीजेपी उम्मीदवार और मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को विधानसभा चुनाव में मात देने वाले कांग्रेस उम्मीदवार रुपिन्दर सिंह कुन्नर. (ANI Photo)
Rajasthan minister Surendra Pal Singh TT loses Karanpur assembly election: राजस्थान में कुछ ही दिनों पहले विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाने वाली बीजेपी को करारा झटका लगा है. राज्य की करणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी को हुए चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार और राज्य सरकार के मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने 11 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है. बीजेपी ने मतदान से कुछ ही दिन पहले सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया था. कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया के बीच में उन्हें मंत्री बनाए जाने का विरोध भी किया था. जाहिर है अब उनकी हार ने कांग्रेस को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका दे दिया है.
विधानसभा में अब कांग्रेस के 70 विधायक
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक करणपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को 11,283 वोटों के अंतर से हराया है. करणपुर में विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया था. इस सीट पर 5 जनवरी 2024 को मतदान हुआ और वोटों की गिनती सोमवार 8 जनवरी को हुई. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार रुपिंदर सिंह इस चुनाव में कुल 94,950 वोट मिले जबकि टीटी को महज 83,667 वोट ही हासिल हो पाए. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पिरथीपाल सिंह तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 11,940 वोट मिले. इस जीत के साथ ही राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ कर 70 हो गई है. प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के 115 विधायक हैं.
सरकार बनने के एक महीने के भीतर करारा झटका
करीब एक महीने पहले ही राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Elections) में शानदार जीत के साथ सरकार बनाने वाली बीजेपी के लिए अपने मंत्री की इस हार को बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है. बीजेपी ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर 2023 को ही बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिमंडल में शामिल किया था. उन्हें कृषि विपणन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग, अल्पसंख्यक और वक्फ विभाग दिए गए थे. विधानसभा चुनाव में टीटी की यह लगातार दूसरी हार है. इससे पहले साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि तब बीजेपी प्रदेश का विधानसभा चुनाव हारकर सत्ता से बाहर हो गई थी. लेकिन इस बार बीजेपी की जीत के महज एक महीने बाद मिली इस करारी हार ने टीटी के सियासी भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है.
क्या सुरेंद्रपाल सिंह को छोड़ना होगा मंत्री पद?
सुरेंद्रपाल सिंह के विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या उनसे इस्तीफा लिया जाएगा? मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए किसी नेता का विधायक होना जरूरी नहीं है, लेकिन मंत्री बनने के 6 महीने के भीतर उनका विधानसभा सदस्य बनना अनिवार्य है. राजस्थान में विधान परिषद (Legislative Council) नहीं है, लिहाजा उन्हें इस रास्ते से लाना भी संभव नहीं है.
जनता ने बीजेपी के अभिमान को हराया : गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी की इस हार पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि इलाके की जनता ने बीजेपी को सबक सिखाया है. गहलोत ने लिखा, 'करणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है. चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है.’’
#WATCH | On Congress winning Karanpur Assembly constituency in Rajasthan, former CM and senior party leader Ashok Gehlot says, "...This election has given several messages...The arrogance of BJP and the manner in which they have abandoned morality...it is like a slap by the… pic.twitter.com/airwcnEwBP
— ANI (@ANI) January 8, 2024
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी बीजेपी की इस हार के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘जब देश की संवैधानिक संस्थाएं अपना दायित्व भूल जाएं, तब जनता की अदालत में न्याय होता है. करणपुर की स्वाभिमानी जनता-जनार्दन को कोटिश: प्रणाम. करणपुर का यह जनादेश भाजपाई तानाशाही एवं अलोकतांत्रिक नीति पर करारा तमाचा है.” पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने के लिए क्षेत्र के मतदाताओं का आभार जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि करणपुर की स्वाभिमानी जनता ने कांग्रेस की रीति-नीति और विचारधारा पर विश्वास जता कर प्रगति, खुशहाली और अपने सुरक्षित भविष्य को चुना है.'
भजनलाल सरकार ने 15 दिसंबर को ली थी शपथ
राजस्थान में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए. इस चुनाव में बीजेपी को 115 और कांग्रेस को 69 सीटें मिली थीं, जो अब बढ़कर 70 हो गई हैं. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार करते हुए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया, जिन्होंने 15 दिसंबर की शपथ ली. लेकिन इसके एक महीने के भीतर ही एक मंत्री की चुनावी हार ने विपक्ष को नई सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है.