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Raksha Bhandan 2025: कब है रक्षा बंधन, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के पवित्र बंधन का उत्सव है. इस दिन बहनें अपने भाईयों के दाहिने कलाई पर राखी बांधती है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन का महत्व, सही मुहूर्त और पारंपरिक पूजन विधि.

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के पवित्र बंधन का उत्सव है. इस दिन बहनें अपने भाईयों के दाहिने कलाई पर राखी बांधती है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन का महत्व, सही मुहूर्त और पारंपरिक पूजन विधि.

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FE Hindi Desk
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Raksha Bandhan 2025 Rakhi AI Image

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के बंधन का उत्सव है, जिसमें बहन राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है. (AI Image)

Raksha Bhandan 2025: रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम, सुरक्षा और स्नेह का प्रतीक है. श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त 2025 को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा. राखी बांधने से पहले एक अहम बात यह है कि यह कार्य शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए, अन्यथा पूजा और रक्षासूत्र का असर कमजोर पड़ सकता है. भद्रा काल जैसे समय में राखी बांधना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन का महत्व, सही मुहूर्त और पारंपरिक पूजन विधि.

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक होती है. भाई, बदले में बहन की रक्षा का वचन देता है और उसे उपहार व आशीर्वाद देता है. यह दिन पारिवारिक भावनाओं, आत्मीयता और परंपरा को और मजबूत करता है.

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रक्षाबंधन 2025  तारीख और शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन 2025 का पर्व शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन राखी बांधने का शुभ समय सुबह 6:03 बजे से दोपहर 2:54 बजे तक रहेगा, जबकि अपरााह्न मुहूर्त में राखी बांधने का सबसे शुभ समय दोपहर 1:41 से 2:54 बजे के बीच है.

पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को शाम 3:42 बजे शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 2:54 बजे समाप्त होगी. शुभता और आध्यात्मिक ऊर्जा बनाए रखने के लिए इसी अवधि में रक्षाबंधन की पूजा और राखी बांधने की परंपरा निभाना उत्तम माना गया है. भद्रा काल में राखी बांधने से बचने की नसीहत दी जाती है. इस टाइम को अशुभ माना गया है और इससे पूजा का फल बाधित हो सकता है.

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द्रा काल क्यों टालें?

भद्रा काल को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है. यह समय बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा लाता है, इसलिए राखी बांधने, विवाह, मुंडन जैसे शुभ कार्य भद्रा काल में नहीं किए जाते. 

रक्षाबंधन पर अक्सर उत्तर भारत में सुबह राखी बांधने की परंपरा होती है, लेकिन यह अनजाने में भद्रा काल में हो सकता है, जिससे शुभ प्रभाव नहीं मिलता. इसलिए, भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही राखी बांधना सर्वोत्तम रहता है.

रक्षाबंधन पूजन विधि (Puja Vidhi)

  • एक सुंदर थाली में राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखें.
  • भाई को तिलक लगाएं और आरती करें.
  • राखी बांधते समय भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करें.
  • भाई बहन को आशीर्वाद देता है और उपहार भेंट करता है. 

क्या रक्षाबंधन पर होगी छुट्टी?

रक्षाबंधन का पर्व इस हफ्ते शनिवार, 9 अगस्त 2025 को पड़ रहा है. इस दिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. परंपरा के अनुसार, राखी भाई की दाहिनी कलाई पर बांधी जाती है, जबकि भाभी को बांधी जाने वाली राखी को 'लुंबा राखी' कहा जाता है. आज के दौर में बहनें भी एक-दूसरे को राखी बांधती हैं, जो आपसी प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक बन गया है.

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